नई दिल्ली। 26 जनवरी को इंस्पेक्टर पुष्पलता अपने साथियों के साथ गाजीपुर अंडरपास पर तैनात थीं। उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर परेड शुरू होने का तय समय 12 बजे का था, लेकिन 9.30 बजे ही रैली शुरू कर दी गई। जब उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बात करने की कोशिश की तो रैली में शामिल अंडरपास के उल्टे तरफ आनंद विहार की तरफ जा रहे लोगों में कुछ वापस आए और अंडरपास में लगे बैरिकेड तोड़ने लगे।
पुष्पलता ने खुद एक समाचार चैनल एबीपी न्यूज को बताया कि इस रैली में खुद किसान नेता राकेश टिकैत शामिल थे। पुष्पलता के अनुसार राकेश टिकैत हमारे पास दो-तीन बार आए। वे हमारे मुंह पर तो किसानों से ट्रैक्टर बंद करने को कहते थे, लेकिन इशारा आगे बढ़ने का करते थे।
हंगामे के बीच जब ट्रैक्टर सवार किसानों का मार्च गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली की तरफ बढ़ने लगा तो दिल्ली पुलिस की दो महिलाकर्मियों ने उन्हें रोका। वे ट्रैक्टर के आगे खड़ी हो गईं। किसानों ने बैरिकेड तोड़कर दूसरी तरफ बढ़ने की कोशिश की तो इंस्पेक्टर पुष्पलता और पुलिसकर्मी सुमन कुशवाहा ट्रैक्टर के बोनट पर लटक गईं।
दिल्ली पुलिस की महिला कॉन्स्टेबल रितु की ड्यूटी लालकिले पर लगी थी। दोपहर बाद जब हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारी लालकिले में घुसे तो उनके तेवर हिंसक और खतरनाक थे जबकि वहां मौजूद पुलिस बल बेबस हो गया था। उल्लेखनीय है कि लालकिले के आसपास मंगलवार को हिंसक प्रदर्शनकारियों के हमले में दिल्ली पुलिस के कई कर्मचारी घायल हुए हैं।
कॉन्स्टेबल रितु ने बताया कि हंगामे और धक्का-मुक्की में लोहे की एक भारी ग्रिल मेरे पैर और एक साथी की छाती पर गिरी। हम हिल तक नहीं पा रहे थे। वह बहुत डरावना वक्त था, क्योंकि प्रदर्शनकारियों के पास तलवारें, लाठी और भाले थे।
रितु इस समय अपने कई साथी पुलिसकर्मियों के साथ अस्पताल में भर्ती हैं। इस बवाल में दिल्ली पुलिस के 384 कर्मी और अधिकारी घायल हुए हैं जिनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है।