गाजीपुर बार्डर पर धरना दे रहे किसानों को उठाने के लिए पुलिस-प्रशासन ने रणनीति तैयार कर ली है। आरएएफ, पीएसी और पुलिस ने क्षेत्र में फ्लैग मार्च निकालकर अपना मंसूबा साफ कर दिया है कि आंदोलन समाप्त नही हुआ तो, कुछ भी है सकता है।
राकेश टिकैत एक बार फिर से अपने चिरपरिचित अंदाज में पुलिस-प्रशासन को ललकारते हुए नजर आ रहे हैं। प्रशासन की तरफ से गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन समाप्त करने के लिए नोटिस दिया गया है। नोटिस मिलते ही एक बार फिर से टिकैत के तेवर बदल गए। टिकैत ने कहा कि गाजियाबाद के बीजेपी विधायक सौ लोगों को लेकर आंदोलन स्थल पर आए हैं और गुंडागर्दी करके माहौल खराब करना चाहते हैं।
टिकैत ने साफ किया कि वे अपने साथियों को छोड़कर नही जा सकते है, वे किसी भी हालत में गिरफ्तारी नही देंगे। आंदोलन स्थल पर कुछ भी घटना घटित होती है तो उसकी जिम्मेदारी पुलिस की होगी।
टिकैत के तेवर उग्र होते ही धरनास्थल के आसपास पीएसी और आरएएफ का मूवमेंट बढ़ गया है। मेरठ जोन के एडीजी राजीव सब्बरवाल और आईजी मेरठ रेंज प्रवीन कुमार धरनास्थल पर कैंप कर रहे है। धरनास्थल की निगरानी ड्रोन कैमरे से की जा रही है।
राकेश टिकैत की पीड़ा है कि सरकार ने जिस तरह से पानी और बिजली काटी है वह गलत है। सरकार जब तक पानी नही देंगी, तब तक मैं पानी ग्रहण करूंगा। मीडिया से बात करते हुए टिकैत भावुक भी नजर आ रहे हैं। सरकार ने फिलहाल एडीएम शैलेंद्र सिंह ने धरनास्थल खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया है।
जहां धरनास्थल पर किसान खाना बनाने और बिजली की स्वयं व्यवस्था कर रहे हैं, दूसरी तरफ प्रशासन ने वॉटर कैनन और ब्रजवाहन की संख्या बढ़ा दी है।