चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब की अमरिंदर सिंह नीत सरकार के साथ-साथ कांग्रेस और वाम दलों पर उनके राज्य में केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को कानून हाथ में लेने के लिए उकसाने का सोमवार को आरोप लगाया।
खट्टर ने आंदोलनकारी किसानों को विरोध के हिंसक तरीकों का सहारा लेने के खिलाफ भी आगाह किया, जो उनके आंदोलन को नुकसान पहुंचा सकते हैं और समाज को उनके खिलाफ कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी कार्य में बाधा स्वीकार नहीं की जाएगी। हर स्वतंत्रता की सीमाएं होती हैं। कोई भी आजादी पूर्ण नहीं होती है।
करनाल एसडीएम आयुष सिंह पर खट्टर ने कहा कि आईएएस अधिकारी का शब्द चयन अनुचित था लेकिन उन्होंने पुलिस कार्रवाई का बचाव किया। अधिकारी पुलिस को किसानों का सिर फोड़ने की हिदायत देते हुए कैमरे में कैद हुए हैं।
किसानों पर शनिवार को हुए लाठीचार्ज को लेकर खट्टर सरकार के खिलाफ बढ़ते विपक्ष के हमले और मजिस्ट्रेट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग के बीच उपमुख्यमंत्री और जजपा नेता दुष्यंत चौटाला ने रविवार को आयुष सिंह के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया था।
उन्होंने कहा था, जो भी कार्रवाई उचित समझी जाएगी, सरकार निश्चित रूप से करेगी। खट्टर ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के वास्ते हरियाणा को चुनने में पंजाब सरकार की भूमिका पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा, इसमें पंजाब सरकार का स्पष्ट हाथ है। मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि अगर ऐसा नहीं होता तो बीकेयू (भारतीय किसान यूनियन) नेता बलबीर सिंह राजेवाल पंजाब जाकर वहां के मुख्यमंत्री को मिठाई नहीं खिलाते।
खट्टर ने कहा, यह कड़वी सच्चाई है। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस और हरियाणा के वामपंथी नेताओं पर राज्य में गड़बड़ी पैदा करने का भी आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ-साथ कुछ वामपंथी नेता किसानों को कानून हाथ में लेने के लिए उकसा रहे हैं।
खट्टर ने करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर उनसे इस्तीफा मांगने पर पंजाब के अपने समकक्ष अमरिंदर सिंह पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि टीकरी और सिंघू बॉर्डर पर बैठे अधिकांश लोग (मैं कहूंगा कि लगभग 80 प्रतिशत) पंजाब से हैं। खट्टर ने दावा किया कि हरियाणा के किसान खुश हैं।(भाषा)