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किसान आंदोलन के बीच IRCTC ने ग्राहकों को भेजे 2 करोड़ E-mail, बताया PM मोदी ने सिख समुदाय के लिए कौनसे बड़े फैसले लिए

हमें फॉलो करें किसान आंदोलन के बीच IRCTC ने ग्राहकों को भेजे 2 करोड़ E-mail, बताया PM मोदी ने सिख समुदाय के लिए कौनसे बड़े फैसले लिए
, सोमवार, 14 दिसंबर 2020 (07:45 IST)
नई दिल्ली। आईआरसीटीसी (IRCTC) ने 8 से 12 दिसंबर के बीच करीब 2 करोड़ ई-मेल (E-mail) भेजकर अपने ग्राहकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) द्वारा सिख समुदाय के खातिर लिए गए 13 फैसलों के बारे में जानकारी दी। यह केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बीच किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि रेलवे सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) ने अपने ग्राहकों को 47 पन्नों की पुस्तिका-- ' प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के सिखों के साथ विशेष संबंध' भेजी है। ये सरकार के 'जनहित' संपर्क के तहत भेजी गई है जिसका उद्देश्य विधेयकों को लेकर लोगों को जागरूक करना और उनके बारे में मिथकों को दूर करना है। पुस्तिका हिन्दी, अंग्रेजी और पंजाबी में हैं।
अधिकारियों ने बताया कि ई-मेल आईआरसीटीसी के पूरे डेटाबेस को भेजे गए हैं। आईआरसीटीसी में यात्री टिकट बुक कराने के दौरान अपना विवरण देते हैं। 12 दिसंबर को ईमेल भेजना बंद कर दिए गए थे। पीएसयू ने इन रिपोर्टों का खंडन किया है कि ई-मेल सिर्फ सिख समुदाय को भेजे गए हैं।
आईआरसीटीसी ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि ई-मेल्स सभी को भेजे गए हैं, भले ही उनका समुदाय कोई भी हो। यह पहला उदाहरण नहीं है। पहले भी जनहित में सरकारी कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए आईआरसीटीसी ने ऐसी गतिविधियां की हैं। रेलवे के सूत्रों ने बताया कि आईआरसीटीसी ने 12 दिसंबर तक 1.9 करोड़ ई-मेल्स भेजे हैं।
 
अधिकारियों ने यह भी कहा कि ई-मेल भेजने का कदम सचेत तरीके से उठाया गया था और यह जनहित के लिए एक संचार रणनीति का हिस्सा था।
 
एक अधिकारी ने कहा कि कौन सी पेशेवर कंपनी या कॉरपोरेट उन दर्शकों की जनसांख्यिकीय प्रोफाइल का विश्लेषण नहीं करती है जहां संदेश भेजा जाना है? कॉरपोरेट रोजाना जो करते हैं, वैसा ही या उससे भी अच्छा एक सरकारी संगठन करने में सक्षम है तो कुछ लोग हैरान क्यों हैं? व्यक्ति को खुश होना चाहिए कि वर्तमान सरकार जनहित में सूचना का प्रसार करने में उतनी ही अच्छी है।
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पुस्तिका 1984 के दंगा पीड़ितों को दिए गए न्याय, श्री हरमंदर साहिब, जालियावाला बाग स्मारक को दी गई एफसीआरए पंजीकरण की इजाजत, लंगर पर कर नहीं होने, करतारपुर गलियारे समेत अन्य पर बात करती है।
 
इस पुस्तिका का विमोचन 1 दिसंबर को गुरु नानक जयंती के मौके पर केंद्रीय मंत्रियों प्रकाश जावड़ेकर और हरदीप सिंह पुरी ने किया था। हजारों किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें अधिकतर पंजाब और हरियाणा के किसान हैं। (भाषा)

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