चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा किसानों के समर्थन में सोमवार को उपवास रखने की घोषणा को 'नाटक' बताया।
केजरीवाल ने कहा है कि 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा दिए गए आह्वान पर सोमवार को वह एक दिन का उपवास करेंगे।
सिंह ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने 23 नवंबर को कृषि कानूनों में से एक को 'बेशर्मी' से अधिसूचित कर किसानों की पीठ में छुरा भोंका है।
सिंह ने यहां जारी एक बयान में कहा, 'और अब, वे सोमवार को किसानों की भूख हड़ताल के समर्थन में उपवास पर बैठने की घोषणा कर नाटक कर रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि क्या आपको कोई शर्म नहीं है? ऐसे समय जब हमारे किसान आपके शहर के बाहर की सड़कों पर सर्दी से जूझ रहे हैं और अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं, आप यही सोच सकते हैं कि कैसे अपने राजनीतिक हितों के लिए इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाया जाए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि न्याय की मांग में पिछले 17 दिनों से आपके शहर के बाहर बैठे प्रदर्शनकारी किसानों की मदद के लिए कुछ रचनात्मक कार्य करने के बदले आप और आपकी पार्टी राजनीति करने में शामिल हैं। उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल ने बार-बार साबित किया कि वे किसानों के मित्र नहीं हैं।
सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार ने न सिर्फ तीन महीनों से अधिक समय से किसानों के आंदोलन का समर्थन किया, बल्कि उसने कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए विधानसभा में संशोधन विधेयक भी पारित किया। उन्होंने केजरीवाल को चुनौती दी कि वह अपनी सरकार द्वारा उठाए गए किसी एक कदम का जिक्र करें जो कल्याण के लिए हैं।
सिंह ने आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद भगवंत मान के आरोपों को खारिज कर दिया कि पंजाब सरकार ने अडानी समूह के साथ बिजली खरीद सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने न तो अडानी पावर के साथ कोई समझौता किया है और न ही राज्य में बिजली खरीद के लिए बोली लगाने वाली निजी कंपनियों से अवगत है। उन्होंने मान पर निशाना साधते हुए कहा कि मान एक कॉमेडियन हैं और उन्हें कोई भी कभी गंभीरता से नहीं लेता है। (भाषा)