नई दिल्ली। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने विपक्षी दलों पर नए कृषि कानूनों के बारे में दुष्प्रचार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन कानूनों से 'कुछ समय के लिए परेशानियां हो सकती हैं', लेकिन लंबे समय में ये किसानों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।
गतिरोध खत्म करने के लिए 40 प्रदर्शनकारी किसान संघों के साथ चल रही वार्ता का नेतृत्व कर रहे तोमर कानूनों को समर्थन देने आए उत्तराखंड के 100 से अधिक किसानों के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित कर रहे थे। कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी और उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे भी बैठक में मौजूद थे।
तोमर ने प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए कहा कि जब जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिया, तब सरकार को विरोध का सामना करना पड़ा। इसी तरह नागरिकता कानून में संशोधन और राम मंदिर के मुद्दे पर भी विरोध किया गया। उन्होंने कहा कि 'जब कृषि सुधार लाए गए तो उस पर भी विरोध हुआ...कुछ लोग केवल विरोध करके देश को कमजोर करना चाहते हैं। यह उनकी आदत बन गई है।' तोमर ने कहा कि कृषि सेक्टर में सुधार के मुद्दे पर कई साल से चर्चा चल रही थी।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश पिछली सरकारें जो सुधार चाहती थीं, वे नहीं ला सकीं। उन्होंने प्रयास नहीं किये इसलिए वे इसका श्रेय नहीं ले सकीं।' तोमर ने जोर देकर कहा कि नए भारत के लिए सुधार जरूरी हैं।
मंत्री ने कहा कि 'जो सुधार लाए गए हैं उनसे लंबे समय में किसानों को फायदा होगा। कुछ समय के लिये परेशानिया हो सकती हैं। हम जानते हैं कि बिना कठिनाइयों के कुछ हासिल नहीं किया जा सकता।'
तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कम समय के लिए नहीं बल्कि लंबे समय तक फायदा पहुंचाने वाले सुधार या योजनाएं ला रहे हैं। मंत्री ने कहा कि कोई भी अच्छी सरकार या अच्छा नेता वह होता है जो ऐसे कार्य करे, जिनसे न केवल वर्तमान में राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित हो बल्कि अगले सौ साल तक देश प्रगति करे। तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों की काफी समय से लंबित मांग को पूरा किया है।
उन्होंने कहा कि शेतकारी संगठन के शरद जोशी, पंजाब के भूपिंदर मान, राकांपा प्रमख शरद पवार जैसे किसान नेता इन मुद्दों पर बात करते रहे हैं। तोमर ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन ने भी इन मुद्दों को उठाया था।
कृषि मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय किसान आयोग, योजना आयोग और नीति आयोग ने भी ऐसे मुद्दे उठाए, लेकिन पिछली सरकारों ने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह (पूर्व प्रधानमंत्री) ने कई बार कोशिशें कीं, लेकिन सफल नहीं हुए। आज जब इन्हें लागू कर दिया गया है तो दुष्प्रचार किया जा रहा है।' इस बीच तोमर ने किसानों के प्रदर्शन के दरमियान केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। नए कृषि कानूनों के लेकर केन्द्र सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच गतिरोध बरकरार है।
किसान संघों का कहना है कि नए कानूनों से एमएसपी व्यवस्था खत्म हो जाएगी, जिसके तहत सरकारी एजेंसियां किसानों से तय दामों पर फसल खरीदती हैं।
केन्द्र ने बुधवार को किसानों को भेजे गए प्रस्ताव में कहा था कि वह लिखित आश्वासन देने को तैयार है कि एमएसपी व्यवस्था बरकरार रहेगी और किसानों की अन्य चिंताओं पर भी विचार किया जाएगा। हालांकि किसान संघ केन्द्रीय कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं और आंदोलन को तेज करने की चेतावनी भी दे चुके हैं। (भाषा)