गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराने वाले कथित किसान नेता दीप सिद्धू के सामाजिक बहिष्कार की अपील अब संयुक्त किसान मोर्चा ने की है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने एक सुर में पूरी घटना की निंदा करते हुए कहा है कि पिछले कई दिनों से चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन को बदनाम करने की साजिश अब जनता के सामने उजागर हो चुकी है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने आरोप लगाया है कि कुछ व्यक्तियों और संगठनों को मुख्य तौर पर दीप सिद्धू और सतनाम सिंह पन्नू की अगुवाई में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सहारे, सरकार ने आंदोलन को हिंसक बनाया है। इसके साथ ही पुलिस और अन्य एजेंसियों का उपयोग करके किसान आंदोलन को खत्म के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयास अब उजागर हो गए हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान जारी कर कहा कि हम फिर से स्पष्ट करते हैं कि लाल किले और दिल्ली के अन्य हिस्सों में हुई हिंसक कार्रवाइयों से हमारा कोई संबंध नहीं है। किसानों की परेड मुख्य रूप से शांतिपूर्ण और मार्ग पर सहमत होने पर हुई थी।
एसकेएम ने अपने बयान में राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि किसानों के आंदोलन को 'हिंसक' के रूप में चित्रित नहीं किया जा सकता क्योंकि हिंसा कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा की गई थी, जो उनके साथ जुड़े नहीं हैं। मोर्चे का दावा है कि सभी सीमाओं पर किसान कल तक शांतिपूर्ण तरीके से अपनी-अपनी परेड पूरी करके अपने मूल स्थान पर पहुंच गए थे।
संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की बर्बरता की कड़ी निंदा भी की है। संगठन ने मंगलवार को गिरफ्तार किए गए सभी शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को तुरंत रिहा करने की मांग की है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने जनता से दीप सिद्धू जैसे तत्वों का सामाजिक बहिष्कार करने की अपील करने के साथ ही पुलिस से मांग की है कि उन सभी लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए, जिन्होंने राष्ट्रीय प्रतीकों को नुकसान पहुंचाया है।