नई दिल्ली। ट्रैक्टर परेड की अनुमति मिलने के बाद किसान दिल्ली की सीमाओं की ओर बढ़ रहे हैं। कई जगह बैरिकेड्स तोड़ दिए गए हैं। उग्र होते किसान पुलिस को गाड़ियों को भी अपना निशाना बना रहे हैं। इस बीच किसान नेता कक्काजी ने कहा कि तोड़फोड़ करने वाले असामाजिक तत्व हैं।
सिंघु बॉर्डर से किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से जाएंगे और वापस आ जाएंगे। हमें रिंग रोड पर जाना है लेकिन पुलिस रोक रही है। लोग आ रहे हैं उसके बाद हम इस पर विचार करेंगे। 30-45 मिनट का समय दिया गया है तब तक हम यहीं बैठेंगे और फैसला करेंगे।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हमें एक रूट दिया गया है हम उसी रूट से जा रहे हैं। आंदोलन खत्म नहीं होगा। नियमों का पूरा पालन किया जाएगा। मुकरबा चौक पर पुलिस के साथ झड़प हुई और हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी चार्ज किया।
इसके साथ अक्षरधाम के पास भी किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस की गोले छोड़े। किसानों ने सिंघु बॉर्डर में पास पुलिस द्वारा तय समय से पहले जबरन बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की। पुलिस ने मुकरबा चौक पर भारी बंदोबस्त किया था ताकि किसानों को दूसरे रास्ते पर मोड़ा जा सके। मुकरबा चौक पर बैरीकेडिंग तोड़कर कुछ किसान आउटर रिंग रोड की तरफ कूच कर गए हैं।
इससे पहले संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। सिंघू बॉर्डर से किसानों की ट्रैक्टर रैली यहां पहुंची थी। पुलिस ने किसानों को आउटर रिंग रोड की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठियां चलाईं, लेकिन किसान पुलिस बंदोबस्त को तोड़ते हुए आगे बढ़ गए।
इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी और कुछ किसान घायल हुए हैं। पुलिस अधिकारियों और किसानों के बीच कई चक्र की बातचीत के बाद ट्रैक्टर रैली को अनुमति दी गई थी। इसके लिए समय और मार्ग भी तय किया गया था लेकिन किसान दोनों का उल्लंघन करते हुए आगे बढ़े जिसके कारण कुछ जगहों पर टकराव हुआ। (इनपुट एजेंसी)