गाजीपुर बॉर्डर पर अपने डेरा जमायें बैठे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि वह 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड हर हालत में निकालेंगे। यदि कुछ भी गड़बड़ होती है तो उसके लिए पुलिस-प्रशासन जिम्मेदार होगा। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर लेकर दिल्ली जाने के लिए किसानों को कागजों पर परमिशन की आवश्यकता नहीं। सरकार बस यह बता दें की ट्रैक्टर परेड किस रूट से गुजरनी है।
राकेश टिकैत बोले, 26 जनवरी को लेकर किसानों आंदोलन को पहले से ही बदनाम करने की कोशिश की जा रही थी। सरकार और मीडिया की तरफ से लगातार खबरें आ रही थी कि आंदोलन में दंगा होगा। जिसका खुलासा सिंधु बॉर्डर पर पकड़े गए संदिग्ध ने कर दिया है। हम तो पहले से ही कह रहे थे कि यह सब सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है, यानी करेगा कोई और भरेगा किसान।
सिंधु बार्डर से बीती रात किसानों ने संदिग्ध को पकड़ा और तीन राज्य की पुलिस दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के सामने संदिग्ध को सौंपा है। ताकी यह कोई न कह सके कि हमें कुछ मालूम नहीं या हम जांच नही कर पाएं। सब राज्य अपनी जांच अच्छी तरह से कर लें और षडयंत्रकारी गैंग को सामने लाएं।
उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर मार्च किसी भी सूरत में रूकने वाला नही है, किसान शांतप्रिय व्यक्ति है, वह 26 जनवरी को अनुशासित रूप से ट्रैक्टर परेड करेगा। यदि खूनखराबा और दंगा होता है तो उसकी जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासन की होगी। प्रशासन जांच करें कौनसा गैंग इस प्रदर्शन के माध्यम से गड़बड़ी करना चाह रहा है।
सरकार और किसान नेताओं के बीच 11वें राउंड की वार्ता विफल होने पर सरकार ने कड़ा रूख अपनाते हुए कहा था कि इससे अच्छा प्रस्ताव नहीं दिया जा सकता है, पेशकश पर बात करनी हो तो किसान आएं, इस पर टिकैत बोले कि अब यह आंदोलन और लंबा चलेगा, किसान झुकेगा नहीं, तीन कृषि कानून रद्द होने तक आंदोलन जारी रहेगा। सरकार एक महीने, दो महीने में जब भी किसानों से बात करना चाहेगी तो बात होगी। तारीख अब हम तय करेंगे।
अब किसानों ने वार्ता विफल होने के बाद गंणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा बनने के लिए अपनी तैयारियां तेज कर दी है, जिसके चलते सरकारी मशीनरी के हाथ-पांव फूले हुए है।
गाजीपुर बार्डर पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत को मनाने के लिए मेरठ जोन के एडीजी राजीव सब्बरवाल और आई जी मेरठ रेंज प्रवीन कुमार पहुंचे हुए है।
देखना होगा का अधिकारियों के साथ गोपनीय रूप से चल रही वार्ता के बाद किसान बैक होते हुए 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड रद्द करते हैं या नहीं।