नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने के लिए लाउडस्पीकर, सोशल मीडिया और पर्चों का सहारा लेने के बाद सिंघू बॉर्डर पर डेरा डाले युवाओं के एक समूह ने अपने संदेशों को फैलाने के लिए एक नया तरीका खोजा है। वे नारे लिखे पतंग सिंघू बॉर्डर पर उड़ा रहे हैं। इतना ही नहीं अब तो छोटे बच्चे भी किसानों के समर्थन में पोस्टर लहरा रहे हैं।
इन युवाओं ने शनिवार को पतंगें उड़ाईं जिन पर किसान नहीं तो भोजन नहीं, हम किसान हैं, आतंकवादी नहीं जैसे नारे लिखे थे। पतंग के जरिए संदेश फैलाने का विचार सुरदीप सिंह का है। उन्होंने कहा कि शायद ये पतंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री के आवासों तक पहुंचेंगी तब वे संभवत: समझेंगे कि हम क्या चाहते हैं।
युवाओं ने कहा कि शाम को हम इन पतंगों की डोर काट देंगे जिससे हमारे संदेशों को और लोगों तक पहुंचाने व हमारी लड़ाई के प्रति जागरूकता फैलाने में मदद मिलेगी।
सिंघू बॉर्डर पर करीब तीन हफ्ते से डेरा डाले युवा किसानों ने कहा कि विरोध करने का यह नवोन्मेषी तरीका यथासंभव अधिक से अधिक लोगों तक हमारे संदेश पहुंचाने के लिए है। सिंह का विरोध करने का तरीका जल्द ही प्रदर्शन स्थल पर लोकप्रिय हो गया और कई प्रदर्शनकारी भी अलग-अलग रंगों और संदेश लिखे पतंग उड़ाते देखे गए।
पतंगबाजी में शामिल हरियाणा के सिरसा के कर्मवीर ने कहा कि यहां मौजूद लोग शांतिपूर्ण तरीके से किसानों की आवाज दूर-दूर तक पहुंचाने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। कुछ फेसबुक पर लाइव कर रहे हैं कुछ पर्चे बांट रहे हैं और अब यह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर तरह के प्रदर्शन का यहां स्वागत है और हम सभी को इनका समर्थन करना चाहिए।
...और भाजपा का कांग्रेस पर आरोप : दूसरी ओर, भाजपा ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को खूनखराबे में बदलना चाहती है। उसने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर राज्य में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला करवाया।
भाजपा महासचिव दुष्यंत गौतम ने कहा कि लुधियाना से कांग्रेस के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने मीडिया में बयान दिया कि किसानों का प्रदर्शन खत्म नहीं होगा और अपने लक्ष्य को पाने के लिए हम लाशों के ढेर लगा देंगे, खून बहाएंगे और किसी भी हद तक जाएंगे। गौतम ने कहा- आने वाले दिनों में यदि कोई खून खराबा होता है, किसी की जान जाती है तो उसके लिए कांग्रेस और वाम दल जिम्मेदार होंगे।