मेरठ। तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों में असंतोष की बेल अब फैल चुकी है, असंतोष की इस बेल को विपक्षी दल केंद्र और उत्तरप्रदेश सरकार के खिलाफ अपने हक में काटना चाहते है। यही वजह है कि किसानों के बहाने कांग्रेस भी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रही है और उत्तरप्रदेश में धड़ाधड़ किसान महापंचायत कर रही है। इसी कड़ी में पश्चिमी उत्तरप्रदेश में कांग्रेस महासचिव प्रिंयका गांधी ने अपनी आज 5वीं महापंचायत मेरठ सरधना विधानसभा क्षेत्र के कैली गांव में की है।
प्रियंका गांधी ने केन्द्र सरकार पर जमकर तंज कसे। उन्होंने प्रश्न करते हुए कहा कि क्या देश के प्रधानमंत्री को अन्नदाता किसान का सम्मान नहीं करना चाहिए? प्रधानमंत्री इस लायक भी नहीं हैं कि आप उनसे मिल सकें। हमारे प्रधानमंत्री पाकिस्तान, अमेरिका घूमने जा सकते हैं, लेकिन धरने पर अपने हक मांगने बैठे हुए किसानों से नहीं मिल सकते। ऐसा इसलिए है कि वे किसान के प्रति आदर का भाव नही रखते है, उनकी सरकार सिर्फ खरबपतियों के लिए है। देश की सरकार हम दो हमारे दो के लिए चल रही है।
प्रियंका गांधी इतने पर है नही रुकी। उन्होंने कहा कि ने मोदी सरकार ने किसानों के हित के लिए कृषि कानून नही बने, बल्कि खरबपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए कानून बनाए गए हैं। अगर किसानों की भलाई का कानून होता तो लाखों किसान दिल्ली में 100 दिन से धरने पर क्यों बैठे होते। हमारे देश के किसान के पास साधन और संसाधन भले ही कम हो, लेकिन उनके पास हिम्मत और आत्मविश्वास की कमी नहीं है। सरकार 16 हजार करोड़ से प्रधानमंत्री ने दो जहाज खरीदे लेकिन किसानों का 15 हजार करोड़ बकाया नहीं दिया गया। किसान बीमे के 26 हजार करोड़ खरबपतियों की जेब मे चले गए।
प्रियंका ने किसानों में उत्साह भरने के लिए कहा कि मुझमें जब तक है दम तब तक आपके लिए लडूंगी, चाहे 100 दिन हो या 100 साल हो। राहुल ने संसद में किसानों की मौत का मुद्दा उठाया, लेकिन किसानों की मौत पर सभी मौन रहे। संसद में कोई भी सत्ता पक्ष का उनके साथ खड़ा नहीं हुआ। ये तो किसानों का अपमान ही है जब उन्हें आंदोलनजीवी और परजीवी कहा जाए।
प्रियंका ने कहा कि अब समय आ गया है, जिस तरीके से दिल्ली में आंदोलन चल रहा है उस तरीके से गांव-गांव में जाकर आंदोलन करिए। संकट में कांग्रेस आपके साथ है, ऐसा हम वोट की राजनीति करने के लिए नहीं कह रहे हैं। हम आपके (किसानों) कर्जदार हैं, दिल्ली आंदोलन में शहीद हुए 215 किसानों के शहीद होने पर प्रियंका गांधी ने रखवाया दो मिनट का मौन।