Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कांग्रेस को खून से बहुत प्यार है, अब वह खेती को खून कह रही है : प्रकाश जावड़ेकर

हमें फॉलो करें कांग्रेस को खून से बहुत प्यार है, अब वह खेती को खून कह रही है : प्रकाश जावड़ेकर
, मंगलवार, 19 जनवरी 2021 (16:48 IST)
नई दिल्ली। भाजपा ने मंगलवार को कांग्रेस पर विरोध और अवरोध की नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि तीन कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच जारी वार्ता को वह सफल होते नहीं देखना चाहती।
 
पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा उठाए गए सवालों को नजरअंदाज करने के लिए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया और कहा कि कांग्रेस को 'खून' शब्द से बहुत प्यार है इसलिए उसने 'खेती का खून' नामक शीर्षक से पुस्तिका जारी की।
ज्ञात हो कि राहुल गांधी ने आज किसानों की पीड़ा पर 'खेती का खून' शीर्षक से एक पुस्तिका जारी की और इस अवसर पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और दावा किया कि कृषि क्षेत्र पर 3-4 पूंजीपतियों का एकाधिकार हो जाएगा जिसकी कीमत मध्यम वर्ग और युवाओं को चुकानी होगी।
 
जावड़ेकर ने राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि 4-5 परिवार आज देश पर हावी हैं। देश में राज किसी परिवार का नहीं है, 125 करोड़ जनता का देश पर राज है, ये फर्क अब हुआ है। 50 साल कांग्रेस ने सरकार चलाई तो सिर्फ एक ही परिवार की सरकार चली, एक ही परिवार सत्ता में रहा।
उन्होंने कहा कि कल बुधवार को सरकार और किसान संगठनों के बीच 10वें दौर की वार्ता होने वाली है और उससे 1 दिन पहले राहुल गांधी का रवैया कांग्रेस के विरोध-अवरोध की नीति को प्रदर्शित करता है। कांग्रेस का ये खेल है। वह नहीं चाहती कि किसानों की समस्या का समाधान हो। सरकार और किसानों की वार्ता सफल हो, ये कांग्रेस नहीं चाहती। इसलिए कांग्रेस विरोध-अवरोध की नीतियां अपनाती है। उन्होंने भरोसा जताया कि सरकार और किसानों के बीच जारी वार्ता सफल होगी।
 
किसानों की स्थिति के लिए कांग्रेस की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए जावड़ेकर ने कहा कि 50 साल सत्ता में रहते हुए उसने विनाशकारी राजनीति की जिसके चलते गरीब किसान हुआ और उसे उसकी उपज का उचित मूल्य तक नहीं मिला। उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग ने 2006 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी लेकिन कांग्रेस ने कभी उसकी सिफारिशों को लागू नहीं किया।
 
जावड़ेकर ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा 'खेती का खून' नाम से पुस्तिका जारी करने पर कांग्रेस को 'खून' शब्द से बहुत प्यार होने का आरोप लगाया और कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने 'खून की दलाली' जैसे शब्दों का बहुत बार इस्तेमाल भी किया है।  उन्होंने पूछा कि ये 'खेती का खून' कह रहे हैं, लेकिन विभाजन के समय जो लाखों लोग मरे, क्या वो खून का खेल नहीं था? 1984 में दिल्ली में 3 हजार सिखों को जिंदा जलाया गया, क्या वो खून का खेल नहीं था? भागलपुर में हजारों लोग मारे गए, क्या वह खून का खेल नहीं था? कांग्रेस के शासनकाल में किसानों ने आत्महत्या की, क्या वह खून नहीं था?
भाजपा अध्यक्ष नड्डा की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब न देने के लिए भाजपा नेता ने राहुल गांधी को आड़े लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा देश की सबसे प्रमुख पार्टी है, उसके अध्यक्ष नड्डाजी ने सवाल क्या पूछे, राहुल गांधी भाग गए। अगर प्रश्नों का उत्तर नहीं पता तो अपनी असफलता कबूल करनी चाहिए। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

दिल्ली में पहली बार पेट्रोल की कीमत 85 रुपए के पार, मुंबई में 92 के करीब