नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों को कूड़ेदान में फेंकना ही इस मुद्दे का एकमात्र समाधान है और अगर सरकार ने इन तीनों कानूनों को वापस नहीं लिया तो किसान आंदोलन पूरे देश और खासकर, शहरी इलाकों में फैल जाएगा।
उन्होंने सरकार पर किसानों पर डराने-धमकाने का आरोप लगाते हुए यह दावा भी किया कि गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस तैनात करके और सिंघु बॉर्डर पर मौजूद किसानों पर पथराव करके किसान का हौसला नहीं तोड़ा जा सकता है।
कांग्रेस नेता ने कहा, कहा, देश के युवाओं को बता देना चाहता हूं कि इन कानूनों को समझने की जरूरत है। पहला कानून, हमारी मंडी व्यवस्था को नष्ट कर देगा। दूसरा, कानून से यह होगा कि 4-5 उद्योगपति जितना भी अनाज जमा करना चाहते हैं, कर सकते हैं। ये कानून लागू होने के बाद किसान अपनी फसल के दाम का मोलभाव नहीं कर पाएगा।राहुल गांधी ने कहा, तीसरा, कानून का मतलब यह है कि किसान अदालत नहीं जा सकता। इन तीन कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली के बाहर खड़े हैं।
उन्होंने दावा किया, ना ग़ाज़ीपुर में पुलिस तैनात करके ना सिंघु बॉर्डर पर पथराव करके ना किसी और साज़िश से किसान का हौसला तोड़ पाओगे। पूरा देश उनके साथ खड़ा है, उन्हें आप डरा-धमका नहीं सकते। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, सरकार समस्या को सुलझाने की बजाय किसानों को पीट रही है, धमका रही है, एनआईए का उपयोग कर रही है।
किसानों को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। आज जो हो रहा है, सिंघू बॉर्डर पर सरकार जो किसानों पर आक्रमण कर रही है, किसानों को मार रही है, ये बिल्कुल गलत है।उन्होंने कहा कि तीनों कानूनों को कूड़ेदान में फेंकना ही इस मुद्दे का एकमात्र समाधान है।
राहुल गांधी ने लाल किले पर धार्मिक ध्वज लगाने की घटना को लेकर सवाल किया, किसानों को लाल किले में किसने जाने दिया और क्यों जाने दिया? क्या गृह मंत्रालय का काम नहीं है कि लाल किले पर इनको जाने से रोका जाए, उसके लिए कौन जिम्मेदार है?यह पूछे जाने पर कि किसानों को इस्तीफा देना चाहिए तो राहुल गांधी ने कहा, जिसने भी यह होने दिया है उसे इस्तीफा देना चाहिए। लेकिन इनसे इस्तीफे की उम्मीद नहीं है क्योंकि भाजपा अपने कदमों को लेकर जिम्मेदारी नहीं लेती।
उन्होंने फिर आरोप लगाया, प्रधानमंत्री इन 5 लोगों के लिए काम करते हैं। उनके लिए नोटबंदी की, उनके लिए जीएसटी बनाई, उनके लिए किसानों से भविष्य छीन रहे हैं। प्रधानमंत्री क्या बोलेंगे, उनके पास कुछ बोलने को नहीं है।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ये जो 4-5 लोग हैं, ये जो आपका भविष्य चोरी करने की कोशिश कर रहे हैं, इन्हें आपका भविष्य चोरी करने मत दीजिए, हम आपकी पूरी मदद करेंगे।
कांग्रेस नेता ने कहा, सरकार को ये नहीं लगना चाहिए कि किसान पीछे हट जाएंगे। मैं किसानों से कहना चाहता हूं कि हम सब आपके साथ हैं। 1 इंच पीछे मत हटिए, ये आपका भविष्य है, इसके लिए आप लड़िए।उन्होंने कहा, ये बीजेपी को गलतफहमी है, इसमें अभी एक मुद्दा है कि देश के किसानों को ये कानून अभी तक पूरी तरह समझ नहीं आए हैं। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में बात समझ आ गई है।
राहुल गांधी ने दावा किया, प्रधानमंत्री को ये नहीं सोचना चाहिए कि आंदोलन यहां रूकेगा, ये आंदोलन शहरों के अंदर तक जाएगा। क्योंकि सिर्फ किसान गुस्सा नहीं हैं, इन्हीं 4-5 लोगों ने युवाओं का रोजगार छीना है, ये आंदोलन अब शहरों में फैलेगा।उन्होंने कहा, मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि इससे देश का नुकसान होगा। आप समस्या का हल निकालिए- इन कानूनों को रद्द कीजिए, इन कानूनों को वापस लीजिए। नहीं तो, देश का नुकसान होगा।(भाषा)