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लखीमपुर हिंसा के विरोध में 26 अक्टूबर को लखनऊ में किसान महापंचायत का एलान, 18 को रेल रोको आंदोलन

हमें फॉलो करें लखीमपुर हिंसा के विरोध में 26 अक्टूबर को लखनऊ में किसान महापंचायत का एलान, 18 को रेल रोको आंदोलन
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विकास सिंह

, शनिवार, 9 अक्टूबर 2021 (14:45 IST)
लखीमपुर हिंसा को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने अब अक्रामक रुख अपना लिया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने आज दिल्ली में साझा प्रेस कॉफ्रेंस करके कहा कि लखीमपुर हत्याकांड और सरकार के संतोषजनक कार्यवाही ना किए जाने के विरोध में एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाया जाएगा। आंदोलन के तहत 18 अक्टूबर को रेल रोको आंदोलन और 26 अक्टूबर को लखनऊ में किसान महापंचायत होगी। 
 
संयुक्त किसान मोर्चा ने मांग की है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और द्वेष फैलाने, हत्या और षडयंत्र के आरोप में गिरफ्तार किया जाए। इसके साथ हत्या के आरोपी मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और उसके सहयोगियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
 
संयुक्त किसान मोर्चा ने चेतावनी दी है कि अगर 11 अक्टूबर तक उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो संयुक्त किसान मोर्चा देशव्यापी विरोध कार्यक्रम की शुरुआत करेगा। 
 
1-अंतिम अरदास के बाद लखीमपुर खीरी से शहीद किसानों के अस्थि कलश लेकर शहीद किसान यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले और देश के प्रत्येक राज्य के लिए अलग-अलग अस्थि कलश लेकर शुरू की जाएगी। इस यात्रा का समापन हर जिले और राज्य में किसी पवित्र या ऐतिहासिक स्थान पर किया जाएगा।

2-18 अक्टूबर को देश भर में सुबह 10 बजे से 4 बजे तक रेल रोको आंदोलन आयोजित किया जाएगा।

3-26 अक्टूबर को संयुक्त किसान मोर्चा लखनऊ में लखीमपुर कांड के विरोध में किसान महापंचायत का आयोजन करेगा।

वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने 12 अक्टूबर को देश भर में शहीद किसान दिवस के रूप में मनाया जाएघा। उत्तर प्रदेश और देशभर के किसानों से अपील है कि वह 12 अक्टूबर को तिकोनिया, जिला लखीमपुर खीरी में शहीद किसानों की अंतिम अरदास (भोग) में सम्मिलित होकर उन्हें श्रद्धांजलि दें। 
 
सभी किसान संगठनों से अपील है कि वे उस दिन अपने-अपने स्थान पर गुरुद्वारा, मंदिर, मस्जिद, चर्च या किसी सार्वजनिक स्थल, टोल प्लाजा या मोर्चा पर शहीद किसानों के लिए विशेष प्रार्थना सभा या श्रद्धांजलि सभा आयोजित करें। उस दिन शाम को मोमबत्ती मार्च आयोजित किए जाएं। देश के सभी न्यायप्रिय नागरिकों से यह अपील है कि वह उस शाम को पांच शहीदों की याद में पांच मोमबत्ती अपने घर के बाहर जलाएं।

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