नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) खत्म करने का इरादा इस सरकार का न तो कभी था, न है और न रहेगा। मंडी व्यवस्था भी कायम रहेगी। कोई भी मां का लाल किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकता।
रक्षा मंत्री ने कहा कि ये दुष्प्रचार किया गया कि किसानों की जमीन कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के माध्यम से छीन ली जाएगी, कोई भी मां का लाल किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकता है। ये मुकम्मल व्यवस्था कृषि कानूनों में की गई है।
हिमाचल प्रदेश में जयराम ठाकुर नीत भाजपा सरकार के तीन साल पूरे होने के अवसर पर एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नये कृषि कानून किसानों की आय बढ़ाएंगे, लेकिन कांग्रेस उन्हें (किसानों को) गुमराह कर रही है।
सिंह ने डिजिटल माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जब कभी कभी सुधार लागू किए जाते हैं, तब इसके सकारत्मक परिणाम दिखने शुरू होने में कुछ साल लग जाते हैं।
उन्होंने कहा कि चाहे वह तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा लाए गए 1991 के आर्थिक सुधार हों या फिर वापजेयी सरकार के दौरान लाए गए अन्य सुधार हों, उनके सकारात्मक परिणाम दिखने में चार-पांच साल लग गए।
रक्षामंत्री ने कहा कि इसी तरह नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए गए कृषि सुधारों के सकारात्मक परिणामों को देखने के लिए यदि हम 4-5 साल इंतजार नहीं कर सकते हैं तो हम कम से कम दो साल तो इंतजार कर ही सकते हैं।
कड़ाके की सर्दी में डटे किसान : केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हजारों किसान कड़ाके की सर्दी के बावजूद अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। किसान एक महीने से अधिक समय पहले सिंघू बॉर्डर पहुंचे थे।
प्रदर्शन कर रहे किसानों के संगठनों ने शनिवार को केंद्र सरकार के साथ बातचीत फिर शुरू करने का फैसला किया था और अगले चरण की बातचीत के लिए 29 दिसंबर की तारीख का प्रस्ताव दिया है।
उन्होंने यह भी निर्णय लिया था कि 30 दिसंबर को कुंडली-मानेसर-पलवल राजमार्ग पर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी है और सिंघू, गाजीपुर एवं टीकरी बॉर्डर पर सैकड़ों सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। इन्हीं सीमाओं पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन की वजह से यातायात प्रभावित हुआ है जिस वजह से पुलिस को गाड़ियों के मार्ग में परिवर्तन करना पड़ा है।
दिल्ली यातायात पुलिस ने रविवार को ट्विटर पर लोगों को उन मार्गों के बारे में जानकारी दी है, जो आंदोलन की वजह से बंद किए गए हैं और उन्हें वैकल्पिक रास्तों के बारे में बताया।
पुलिस ने ट्वीट किया कि किसानों के प्रदर्शन की वजह से नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली आने वाले यातायात के लिए चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर बंद हैं। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे दिल्ली आने के लिए आनंद विहार, डीएनडी, अपसरा, भोपरा और लोनी बॉर्डर का इस्तेमाल करें।
उसने कहा कि सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर बंद हैं। कृपया लमपुर सफियाबाद, पल्ला एवं सिंघू स्कूल टोल टैक्स बॉर्डर वाले वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करें। मुकरबा और जीटीके रोड से यातायात का मार्ग बदला गया है। कृपया आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर जाने से बचें। (इनपुट भाषा)