गाजियाबाद। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय कृषि बिल को लागू करने पर फिलहाल रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट में किसानों के आंदोलन को लेकर एक याचिका की सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया है कि वर्तमान में कृषि कानून को लागू करने से रोक दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से न तो किसान खुश है और न ही आंदोलन खत्म करने को तैयार हैं। किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने दो टूक शब्दों में कहा है कि हम बॉर्डर छोड़कर नहीं जाएंगे क्योंकि अब तो हमने वहां पक्के मकान बना लिए हैं। अब इन्हें उखाड़कर कहीं दूसरी जगह नहीं ले जाएंगे, न हम घर जाएगे और न कहीं और, बल्कि यही बॉर्डर पर रहेंगे।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के चारों सदस्य नए कृषि कानूनों का खुले आम समर्थन करते रहे हैं। ये सरकारी लोग हैं। इसलिए आंदोलन खत्म नहीं होगा। 26 जनवरी को राजपथ पर परेड की तैयारियां तेज की जाएगी।
टिकैत ने कहा कि सरकार का कहना है कि किसान आंदोलन में 1000 लोगों के मारे जाने की आशंका है, लेकिन अगर सरकार जबरन किसानों को हटाएगी तो 10,000 से ज्यादा लोग इस आंदोलन में मारे जाने की आशंका है।
किसान नेता ने कहा कि किसानों के संगठन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन करेंगे। कोर कमेटी की बैठक बुलाएंगे। इसी के साथ किसान संगठन अपनी लीगल टीम के साथ बातचीत करके आगे की रणनीति तय करेंगे कि आगे क्या करना है।