Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

किसान संगठनों में फूट, धरनास्थल छोड़कर जा रहे हैं किसान...

हमें फॉलो करें किसान संगठनों में फूट, धरनास्थल छोड़कर जा रहे हैं किसान...
, बुधवार, 27 जनवरी 2021 (19:57 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली में ट्रैक्टर परेड को लेकर किसान नेताओं ने दावा किया था कि यह एक शांति मार्च की तरह होगा, लेकिन ट्रैक्टर परेड की आड़ में उपद्रवियों ने हिंसा का तांडव मचाया। हिंसा की इस घटना के बाद किसान संगठनों में दो फाड़ हो चुकी है।

धीरे-धीरे किसान संगठन आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर रहे हैं।  सबसे पहले किसान आंदोलन खत्म करने की घोषणा किसान नेता वीएम सिंह ने की, जो गाजीपुर बॉर्डर पर डटे थे, लेकिन अब वे धरनास्थल छोड़कर वापस जा रहे हैं।
ALSO READ: ऑस्ट्रेलिया से लौटा था ट्रैक्टर हादसे में जान गंवाने वाला नवरीत, देने वाला था शादी की पार्टी
इसके बाद भारतीय किसान यूनियन (भानू) के अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया। इसका असर अब किसानों के आंदोलन पर दिखाई दे रहा है। किसानों को चिल्ला सीमा पर अपना टेंट हटाते हुए देखा गया। किसान धीरे-धीरे अपना अपनी बोरिया-बिस्तारा बांधकर वापस जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो भी किसानों को अपना टेंट हटाते दिखाई दे रहे हैं।

गणतंत्र दिवस पर मंगलवार को निकाली गई किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए हंगामा और हिंसा के बाद किसान आंदोलन को बड़ा झटका लगा है। राष्‍ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने BKU के नेता राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाते हुए खुद और अपने संगठन को किसान आंदोलन से अलग करने की घोषणा की है।  
हिंसक घटना और राष्ट्र ध्वज से आहत भाकियू : चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने अपना धरना वापस ले लिया। ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसक घटना व राष्ट्र ध्वज के अपमान से आहत होकर भानु गुट ने अपना धरना वापस लिया है।
 
भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने चिल्ला बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कल ट्रैक्टर परेड के दौरान जिस तरह से दिल्ली में पुलिस के जवानों के ऊपर हिंसक हमला हुआ तथा कानून-व्यवस्था की जमकर धज्जियां उड़ाई गई, इससे वे काफी आहत हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से लालकिले पर एक धर्म विशेष का झंडा फहराया गया, उससे भी वह दुखी हैं। ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि भारत का झंडा तिरंगा है तथा वह तिरंगे का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि कल के घटनाक्रम से वह काफी आहत हैं।
 
हिंसा की कड़ी निंदा : भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्यौराज सिंह ने कहा कि वे ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा करने एवं अराजकता फैलाने वाले किसान बिल्कुल नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि संसद और लालकिला पूरे देश की शान है।

लालकिले की प्राचीर पर तिरंगे का अपमान किया गया है वह नाकाबिले बर्दाश्त है। उन्होंने कहा कि लालकिले की प्राचीर पर एक समुदाय विशेष का झंडा फहराए जाने के मामले की जांच होनी चाहिए और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए जिससे भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो सके। मास्टर श्यौराज सिंह ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों ने पूरे किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रची है।
 
बीकेयू (लोकशक्ति) के प्रवक्ता ने कहा कि जो भी दिल्ली में हुआ वह नहीं होना चाहिए था। हम उसकी निंदा करते हैं और हम किसी भी हिंसा के खिलाफ हैं। हमने घटनाओं के संबंध में भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) अध्यक्ष मास्टर श्यौराज सिंह की अध्यक्षता में आज एक बैठक की और निर्णय किया कि हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।
 
जाम से मिलेगी राहत : अपर पुलिस उपायुक्त रणविजय सिंह ने बताया कि किसानों ने स्वतः धरना खत्म करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि थोड़ी देर में ही किसान धरनास्थल को छोड़ देंगे तथा यहां पर लगे टेंट आदि को हटाकर यातायात को पुनः सुचारु रुप से चालू कर दिया जाएगा। मालूम हो कि भारतीय किसान यूनियन (भानू) नए कृषि कानून के विरोध में चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहा था। इस धरने की वजह से नोएडा से दिल्ली जाने वाला रास्ता करीब 58 दिनों से बंद था। बॉर्डर का धरना खुलने से नोएडा और दिल्ली के लोगों को यातायात जाम से राहत मिलेगी। (इनपुट भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ट्रैक्टर परेड में हंगामे के लिए भाजपा ने अपने पिट्ठू दीप सिद्धू को भेजा था : आप