दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर। कृषि कानूनों के विरोध में शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत बंद और चक्काजाम की घोषणा की गई थी। पश्चिमी उत्तरप्रदेश में बंद का कोई खास असर नजर नहीं आया। हालांकि भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने मुख्य राजमार्गों पर बैठकर चक्काजाम किया है। भारत बंद और चक्काजाम की घोषणा के बाद यूपी के मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि भारत बंद के दौरान आम नागरिकों को समस्या नहीं होनी चाहिए।
दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर नए कृषि कानून के विरोध में किसान पिछले 4 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। किसान कृषि कानून रद्द करने के साथ अन्य कई मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। किसान आंदोलन के चलते सरकार और किसानों के बीच कई दौर की वार्ताएं भी हुईं लेकिन विफल रहीं। ऐसे में लगातार किसान पिछले 4 महीने से दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं।
इस आंदोलन में शुक्रवार का दिन महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज भारत बंद के चलते सुबह गाजियाबाद-गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा लग गया। दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर किसान सड़कों पर बैठ गए हैं। दिल्ली पुलिस ने एहतियात के तौर पर दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर को पहले ही बंद कर दिया था और दिल्ली से गाजियाबाद आने वाली एनएच लाइन जिसे कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे भी कहा जाता है, को आम लोगों के लिए खोला गया था। लेकिन आज सुबह से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे रोड को भी पूरी तरीके से बंद कर दिया जिसके चलते किसान एनएच लाइन पर धरने के लिए बैठ गए। वहीं किसानों ने गाजियाबाद-हापुड़ रोड स्थित CBI अकादमी के सामने जाम लगा दिया। एहतियातन दिल्ली पुलिस ने भी सड़क पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं। किसानों ने दोटूक शब्दों में कह दिया कि जब तक बिल वापसी नहीं, तब तक घर वापसी नहीं होगी।
भारत बंद और चक्काजाम का असर बुलंदशहर में भी देखने को मिला। यहां किसान संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मेरठ-बदायूं स्टेट हाईवे पर शिकारपुर में धरने पर बैठ गए। किसानों ने स्टेट हाईवे पर जाम लगाते हुए जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की है। धरने पर बैठे किसानों का कहना था कि हमनी पहले गोरे अंग्रेजों को भगाया और अब काले अंग्रेजों को भगाएंगे किसान।
कृषि कानूनों के विरोध में किसान बुंलदशहर के काला आम चौराहे पर चेन बनाते हुए सड़क पर 3 घंटे के लिए बैठ गए जिसके चलते काला आम चौराहे पर जाम लग गया। इस दौरान किसानों के हाथों में झंडे भी नजर आएं। बुलंदशहर में चक्काजाम के दौरान किसानों ने जुमे की नमाज सड़क पर ही पढ़ी। विशेष बात यह रही कि धरने पर बैठे मुस्लिम भाईयों की नमाज पढ़ते समय सुरक्षा का जिम्मा हिन्दू प्रदर्शनकारियों ने उठाया।
बागपत में भी किसानों ने चक्का जाम किया है। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यमुनौत्री हाइवे पर ट्रैक्टर-ट्रॉली से सड़क को जाम करते हुए प्रदर्शनकारी किसान नेशनल हाइवे 709बी पर बने जीवाणा टोल प्लाजा व खेकड़ा पाठशाला पुलिस चौकी के पास धरने पर बैठ गए। किसानों ने टोल प्लाजा के बीचों बीच भी अपनी ट्रैक्टर फंसा दिए। सुरक्षा की दृष्टि से प्रदर्शन के समय भारी पुलिसबल तैनात रहा है। बागपत की सड़कों पर यह जाम 3 बजे तक रहा, जिसके चलते सड़कोन पर वाहनों की लगीं लंबी-लंबी कतारें लग गई।
मेरठ में मेरठ-करनावल हाईवे पर दबथुवा, जगेंठी, मेरठ पौड़ी मार्ग मवाना और परतापुर थाना क्षेत्र के दिल्ली देहरादून बाईपास पर शुक्रवार सुबह तीनों कृषि बिल के विरोध में किसानों ने धरना प्रदर्शन करते हुए हाईवे जाम कर दिया। किसानों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी और एमएसपी पर कानून नहीं बनाएगी तब तक किसानों का आंदोलन इसी तरह चलता रहेगा। किसान बोले आज उन्होंने आम जनमानस की समस्या को देखते हुए आज 3 घंटे का सांकेतिक जाम लगाया है जल्द ही अगर सरकार नहीं जागी तो वह बड़े आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।
कमोबेश हापुड़, मुजफ्फरनगर, शामली बिजनौर और मुरादाबाद में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने चक्काजाम किया। चक्काजाम और धरने के समय आज बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी भी नजर आई। हालांकि पुलिस-प्रशासन की मुस्तैदी के चलते बाजार बंद आंशिक तौर पर असर नजर आया।