एडिनबर्ग। ब्रिटेन भले ही ओलंपिक में एक टीम भेजता हो लेकिन फुटबॉल और रग्बी में प्रतिद्वंद्विता इस कदर है कि स्काटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड के खेलप्रेमी दुआ करते हैं कि कोई भी जीते लेकिन इंग्लैंड नहीं।
अब उनके लिए इस आदत को बदल पाना मुश्किल है और बुधवार को जेरेथ साउथगेट की टीम अपने सबसे बड़े मुकाबले में उतरेगी तो इनमें से किसी देश में इंग्लैंड के गोल पर ताली नहीं बजेगी। इंग्लैंड ब्रिटेन में सबसे ज्यादा दबदबे वाला देश है जिसके पास अधिक संसाधन और अधिक खिलाड़ी है और खेलों में सफलता भी उसे अधिक मिली है।
स्काटलैंड के पूर्व विंबलडन चैम्पियन एंडी मर्रे ने 2006 विश्व कप में कहा था कि वह इंग्लैंड को छोड़कर हर टीम के साथ है। स्काटलैंड के द नेशनल अखबार में कैरोलिन लोकी ने लिखा, ‘हम इस सेमीफाइनल में क्रोएशिया के साथ हैं।’
वेल्स में तो लोगों ने इंग्लैंड की हर प्रतिद्वंद्वी टीम के ध्वज थामे हैं। उनका समर्थन इंग्लैंड के हर मैच में विरोधी टीम के लिए रहा है। बीबीसी रेडियो वेल्स को तो एक ट्वीट मिटाना पड़ा था जब इंग्लैंड के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के बाद उसने लिखा था, ‘क्या अब हम इंग्लैंड के साथ हैं।’
वेल्स फुटबाल संघ ने जवाब दिया था, ‘हम अभी भी वेल्स हैं, क्या आप नहीं है।’ (भाषा)