वोल्गोग्राद। नॉकआउट की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुके मिस्र और सऊदी अरब जीत के साथ अपने अभियान का अंत करने और ग्रुप 'ए' में सबसे निचले पायदान पर आने से बचने के लिए विश्व कप में सोमवार को यहां एक-दूसरे का सामना करेंगे। अरब क्षेत्र की इन दोनों टीमों का अब तक का सफर अच्छा नहीं रहा। मिस्र को टूर्नामेंट से पहले ही निराशा झेलनी पड़ी, क्योंकि उसके स्टार स्ट्राइकर मोहम्मद सालाह लिवरपूल की तरफ से चैंपियंस लीग फाइनल में खेलते हुए चोटिल हो गए थे।
सालाह की शानदार फॉर्म को देखकर मिस्र को ग्रुप 'ए' से अगले दौर में जगह बनाने का दावेदार माना जा रहा था। क्वालीफाइंग में सालाह ने टीम की तरफ से 71 प्रतिशत गोल किए थे। वे पिछले मैच में पेनल्टी पर गोल करने में भी सफल रहे थे लेकिन इसके बावजूद साफ दिख रहा था कि वे अब भी कंधे की चोट से जूझ रहे हैं।
मिस्र पहले मैच में उरुग्वे से 0-1 से हार गया था जबकि दूसरे मैच में रूस ने उसे 3-1 से हराया था। दूसरी तरफ सऊदी अरब अब तक एक भी गोल करने में नाकाम रहा है। उसे उद्घाटन मैच में रूस ने 5-0 से करारी शिकस्त दी थी जिससे वह अब तक नहीं उबर पाया है। इसके बाद उरुग्वे ने उसे 1-0 से पराजित किया था। मिस्र को उरुग्वे के खिलाफ सालाह की बड़ी कमी खली थी। वे दूसरे मैच में मैदान पर उतरे लेकिन उन्हें अन्य खिलाड़ियों का पर्याप्त सहयोग नहीं मिला। अब मिस्र का सफर भले ही खत्म हो चुका है लेकिन वह सऊदी अरब के खिलाफ मुकाबले को हल्के से नहीं ले रहा है।
मिस्र के मिडफील्डर कहराबा ने पत्रकारों से कहा कि यह बेहद कड़ा मैच होगा, क्योंकि इसे अरब डर्बी के रूप में देखा जा रहा है। फुटबॉल में कागजों पर मजबूत टीम को नहीं बल्कि बेहद अनुशासित टीम को जीत मिलती है। सऊदी अरब के पास बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं। अब जबकि दोनों टीमें बाहर हो चुकी हैं तब मिस्र इस औपचारिक मैच में गोलकीपर इसाम अल हादरी को मौका दे सकता है। अगर 45 वर्षीय हादरी मैदान पर उतरते हैं तो वे विश्व कप में खेलने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन जाएंगे। (भाषा)