मास्को। विश्व कप फुटबॉल का मेजबान रूस दुनिया को अपनी नई छवि दिखाने के लिए तैयार है, खासकर मास्को के ज्यातातर हिस्से पर इसका खुमार दिख रहा है। बात चाहे सड़कों के किनारे लगे पेड़ों की हो या फिर अंडरग्राउंड ट्रेन स्टेशनों की सजावट की, सब जगह विश्व कप का रंग दिख रहा है।
मास्को पूरी तरह जगमगा रहा है और यहां के लोग दुनिया को रूस को नए नजरिए से दिखाने के लिए तैयार हैं। वे दुनिया को चार साल में एक बार होने वाले इस फुटबॉल महाकुंभ के जरिए शहर की शानदार खूबसूरती से रु-ब-रु करवाने का इंतजार कर रहे हैं।
कुछ लोगों का मानना है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के लिए फीफा विश्व कप के वही मायने हैं जो चीन के लिए बीजिंग ओलंपिक के थे। रूस के लोग विश्व कप के लिए यहां आने वाले मेहमानों का इंतजार कर रहे हैं ताकि उन्हें नए तरीके से अपनी मातृभूमि के बारे में बता सकें, जो सोवियत काल और पुराने जमाने की कहानियों से अलग है और जिसे मानचित्र के इतिहास ने कई भागों में बांट दिया है।
एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, फीफा विश्व कप का मतलब यह है कि दुनियाभर के लोग यहां आएंगे। वे यहां रहेंगे और रूस के बारे में जानेंगे। वे जब यहां से जाएंगे तो रूस की एक छवि लेकर जाएंगे। उनका नजरिया बदलेगा और दर्शक इस देश को अलग नजरिए से देखेंगे।
पर्यवेक्षकों का हालांकि मानना है कि रूस से फुटबॉल विश्व कप का प्रचार उस पैमाने पर नहीं किया गया, जिस तरह सोची शीतकालीन ओलंपिक का किया गया था जिसकी एक वजह राष्ट्रीय टीम के प्रदर्शन में आई तेज गिरावट भी है। शुरुआत में इसकी तैयारियां थोड़ी धीमी जरूर रहीं लेकिन जैसे-जैसे विश्व कप शुरू होने का समय करीब आया इसने जोर पकड़ा।
एक महीने तक चलने वाले इस आयोजन के लिए यहां दुनियाभर के हजारों पत्रकार पहुंचने वाले हैं। कई ऐसे देशों के पत्रकार और फोटोग्राफर भी यहां पहुंचे हैं जिनका देश इस टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं है लेकिन फीफा विश्व कप की चमक हमेशा से ऐसी ही रही है। यह चमक हाल के दिनों में सबोर्नया (रूस की फुटबॉल टीम का नाम) के खराब प्रदर्शन से भी कम नहीं हुई है।
टीम के खराब प्रदर्शन के बाद भी लोगों के जोश में कोई कमी नहीं आई है। बात चाहे मेहमाननवाजी की हो या फिर खेलों के आयोजन की। शहर के हर कोने पर सुरक्षाकर्मियों को देखा जा सकता है, लेकिन स्थानीय लोग मुस्कान के साथ मेहमानों की मदद के लिए तैयार हैं। रूस की टीम के प्रदर्शन के नजरिए से देखें तो बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं दिखती हैं, वह भी तक जब रूस को बेहद ही कमजोर माने जाने वाले ग्रुप में रखा गया है।
कई जानकार इसे फुटबॉल विश्व कप के इतिहास का सबसे कमजोर ग्रुप बता रहे हैं। ग्रुप में उरुगवे के शीर्ष पर रहने की संभावना है तो वहीं मिस्र और सऊदी अरब जैसी टीमों की मौजूदगी से रूस को अगले दौर में जाने का मौका मिल सकता है। स्थानीय लोग हालांकि टीम के शानदार प्रदर्शन को लेकर आश्वस्त नहीं दिख रहे। विश्व कप की तैयारियों के तहत रेड स्क्वायर के निकट लाइट शो का आयोजन किया जा रहा है।
इमारतों पर फुटबॉल विश्व कप से जुड़े कई होर्डिंग लगे हैं। मनेगी संग्रहालय के सामने टूर्नामेंट से जुड़ी चीजें लगी हैं। मास्को में उद्घाटन समारोह और फाइनल मैच के साथ कुल 12 मैच खेले जाएंगे। प्रसिद्ध लुजनिकी स्टेडियम में पहले मैच के साथ प्री क्वार्टर फाइनल, एक सेमीफाइनल और फाइनल मैच खेला जाएगा। (भाषा)