बहुत पहले क्रिकेट में अंपायर का निर्णय आखिरी हुआ करता था। खिलाड़ी का प्रदर्शन अंपायर की उंगली पर निर्भर करता था। कई बार गलत फैसलों के कारण टीम को हार का मुंह देखना पड़ता था। आईसीसी ने एक बार मन बनाने की ठानी कि क्यों न अंपायर के फैसले को खिलाड़ी एक बार ही सही चेक करा सके। भारत श्रीलंका की एक टेस्ट सीरीज से डिसीजन रिव्यू सिस्टम का प्रयोग हुआ और धीरे धीरे कर के यह सभी फॉर्मेट में लागू हो गया।
अब ऐसा ही कुछ फुटबॉल में भी हो सकता है। डीआरएस की ही तरह आने वाले फीफा विश्वकप में आप वीएमआर देख सकेंगे। इसका मतलब है वीडियो असिस्टेंट रेफरी। फुटबॉल फैंस इसके बारे में जरूर जानना चाहेेंगे क्योंकि यह प्रयोग फुटबॉल विश्वकप में पहली बार हो रहा है।
डीआरएस की तरह ही वीएमआर की भी प्रयोग के दौरान काफी आलोचना हुई थी। यदि किसी खिलाड़ी को ऑन फील्ड रेफरी के फैसले से शिकायत है तो वह फैसला वीडियो असिस्टेंट रेफरी को रिफर कर सकता है। इसमें गलत दिया गया फ़ाउल ,खिलाडी को रेड कार्ड दिखाना, खिलाड़ी के ऑफ-साइड होने या न होने, और येलो कार्ड तक सभी चीज़ों की जानकारी ऑन-फील्ड रेफरी ऊपर बैठे अनुभवी रेफरी से ले सकेगा। अब देखते हैं यह फीफा विश्व कप को कितना रोमांचक बनाता है।