पिछले मैच में जर्मनी के हाथों आखिरी क्षणों में गोल गंवाने के कारण ‘करो या मरो’ की स्थिति में पहुंचे स्वीडन को विश्व कप के नाकआउट में पहुंचने के लिए बुधवार को यहां अच्छी फार्म में चल रहे मैक्सिको पर कम से कम दो गोल के अंतर से जीत दर्ज करनी होगी।
स्वीडन पिछले मैच में जर्मनी से ड्रॉ कराने की स्थिति में था लेकिन टोनी क्रूस ने दूसरे हाफ के इंजुरी टाइम में गोल कर दिया। इससे स्वीडन यह मैच 1-2 से हार गया जिससे उसके अब दो मैचों में तीन अंक हैं। स्वीडन ने अपने पहले मैच में दक्षिण कोरिया को 1-0 से हराया था।
मैक्सिको ग्रुप एफ में अब तक अपने दोनों मैच जीतकर शीर्ष पर है लेकिन उसकी भी अंतिम-16 में जगह पक्की नहीं हुई है क्योंकि कल होने वाले एक अन्य मैच में अगर जर्मनी की टीम दक्षिण कोरिया को हरा देती है तो फिर तीन टीमों के समान छह-छह अंक हो जाएंगे और ऐसे में गोल अंतर महत्वपूर्ण बन जाएगा।
अपने पहले मैच में मौजूदा चैंपियन जर्मनी को 1-0 से हराकर उलटफेर करने के बाद मैक्सिको ने कोरिया को 2-1 से हराया। ऐसे में उसके नाम पर अब भी तीन गोल हैं जबकि उसने केवल एक गोल खाया है। जर्मनी और स्वीडन गोल अंतर में अभी बराबरी पर हैं। ऐसी स्थिति में स्वीडन को मैक्सिको पर कम से कम दो गोल के अंतर से जीत दर्ज करनी होगी।
मैक्सिको के लिये ड्रॉ पर्याप्त होगा। इससे वह ग्रुप में अपना शीर्ष स्थान भी बरकरार रखेगा। उसकी टीम लगातार दो जीत से उत्साह से भरी है जबकि स्वीडन को जर्मनी के हाथों मिली हार अब भी कचोट रही होगी। स्वीडन के कोच जेन एंडरसन ने कहा, ‘हमारी टीम का जज्बा कम नहीं हुआ है। हमें पिछली हार को भुलाकर इस मैच में उतरना होगा।’
स्वीडन की परेशानी विंगर जिम्मी दरमाज को मिल रही धमकियों से भी जुड़ी हैं। उनकी गलती से ही जर्मनी के क्रूस ने गोल किया था। दरमाज तुर्की मूल के हैं। मैक्सिको के लिये भी मुकाबला आसान नहीं है। उसके खिलाड़ियों को आत्ममुग्धता से बचना होगा। मैक्सिको के गोलकीपर गुलेरमो ओचोआ ने हालांकि कहा कि उनकी टीम कम से कम एक अंक हासिल करने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि आखिरी मैच में हमें किसी भी तरह की ढिलायी नहीं बरतनी होगी।’
टीम की निगाह फिर से जेवियर हर्नाडेज पर टिकी रहेगी जिन्होंने दक्षिण कोरिया के खिलाफ 50वां अंतरराष्ट्रीय गोल किया था। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले मैक्सिको के पहले खिलाड़ी हैं।(भाषा)