मॉस्को। फ्रांस और क्रोएशिया के बीच रविवार को फीफा विश्व कप फुटबॉल मैच में क्रेमलिन विरोधी पंक बैंड पूसी रायट के तीन प्रदर्शनकारियों के मैदान में घुसने से मैच कुछ समय के लिए बाधित रहा। पुलिस ने बताया मैदान में घुसने वाले तीन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस जैसी वर्दी पहनी हुई थी जिन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया।
प्रदर्शनकारियों ने अपने फेसबुक पर लिखा, उनका मुख्य उद्देश्य रूस में मानवाधिकारों के दुरुपयोग के बारे में ध्यान आकर्षित करना है। फ्रांस और क्रोएशिया के बीच रविवार को हुए फाइनल मैच के दूसरे सत्र में पुलिस की वर्दी की तरह सफेद कमीज, काली पेंट और टोपी पहनकर तीन लोग फ्रांस गोल पोस्ट के पीछे से मैदान में घुस गए।
मैदान की ओर भागते हुए चौथे सदस्य को पुलिस ने पकड़ लिया। तीन सदस्य 50 मीटर तक मैदान में घुस आए। लेकिन बाद में कर्मचारियों ने उन्हें पकड़ लिया और खींचते हुए मैदान से बाहर ले गए। राष्ट्रपति पुतिन के साथ फ्रांसीसी, क्रोएशियाई राष्ट्रपति मैच देख रहे थे।
मैच को लगभग 25 सेकंड के लिए रोका गया और बाद फिर से शुरू हो गया। स्टेडियम में एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि पुलिस को घुसपैठियों को मैदानों से बाहर ले जाते हुए देखा। पांच सप्ताह के इस टूर्नामेंट में मैदान में घुसने की इस घटना को सुरक्षा में चूक बताया गया। इससे पहले मेजबान रूस की अच्छी व्यवस्था और कार्यकुशलता के लिए व्यापक रूप से प्रशंसा की गई थी।
पूसी रायट के सदस्य ओल्गा कुराच्योवा ने बताया वह मैदान में घुसने वालों में से एक थीं और उसे पकड़ने के बाद लुज़्निकी पुलिस थाने में रखा गया। मॉस्को पुलिस ने बताया कि फीफा विश्व कप फुटबॉल के फाइनल मैच के दौरान मैदान में घुसने के बाद चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है जिनमें से तीन महिलाएं और एक युवक है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ एक चर्च में विरोध प्रदर्शन करने पर पूसी रायट के तीन सदस्यों को जेल भेजा गया था और यह समूह तब से क्रेमलिन विरोधी कार्रवाई के प्रतीक बन गए हैं। (वार्ता)