एकातेरिनबर्ग। दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेल फुटबॉल विश्व कप का आगाज 14 जून से रूस की मेजबानी में होने जा रहा है, लेकिन इसके विश्व कप शहर एकातेरिनबर्ग के निवासियों के लिए फीफा टूर्नामेंट जी का जंजाल बन गया है जिसकी सुरक्षा के नाम पर वे अपने ही घरों में नजरबंद होकर रह गए हैं।
रूस की मेजबानी में 14 जून से 15 जुलाई तक चलने वाले फीफा विश्व कप के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, लेकिन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करने के कारण प्रशासन ने विश्व कप मैचों के मेजबान शहरों में स्थानीय नागरिकों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, इनमें एकातेरिनबर्ग शहर में स्टेडियम के निकट रहने वाले लोगों की स्थिति और भी बदतर है।
पिछले कई महीनों से ही एकातेरिनबर्ग में फुटबॉल स्टेडियम के निकट रहने वाले नागरिकों को मुख्य सड़क, घरों की छज्जों, छतों, घर के मुख्य द्वारों पर खड़े रहने के साथ पार्किंग का उपयोग तक करने से रोक दिया गया है। यहां फुटबॉल स्टेडियम रिहायशी इलाके से इतना करीब है कि लोग अपने घरों की खिड़कियों से मैच देख सकते हैं। ऐसे में प्रशासन ने किसी तरह के हमलों की आशंका के चलते स्टेडियम और रिहायशी इलाके के बीच लोहे की तार से विभाजन कर दिया है तथा यहां 3 मीटर ऊंचे अवरोधक और सीसीटीवी कैमरे भी लगा दिए हैं ताकि लोग घरों से मैच न देख सकें।
इस स्टेडियम में विश्व कप के 4 मैच आयोजित होने हैं। स्थानीय लोगों के लिए परेशानी इसलिए बड़ी है कि 1 महीने तक चलने वाला टूर्नामेंट जहां 15 जुलाई को समाप्त होगा वहीं उनके लिए यह रोक अगस्त तक जारी रहेगी। पुलिस ने लोगों को छज्जों या खिड़कियों में भी खड़े नहीं रहने की हिदायत दी है, क्योंकि ऐसा करने पर उन्हें हमलावर मानकर पुलिस स्नाइपर गोली मार सकते हैं। स्टेडियम में 27, क्राइलोवा स्ट्रीट के निकट रहने वाले 12 मंजिला इमारत के लोग तो अपनी खिड़कियों से भी मैच और स्टेडियम के स्टैंड में बैठे दर्शकों को देख सकते हैं, जो स्टेडियम से सबसे नजदीक है।
यहां की एक स्थानीय नागरिक एलीना मोरमोल ने कहा कि हम तो यहां चिड़ियाघर में रह रहे हैं और हमारी इमारत के मुख्य द्वार ही बंद हैं। हालांकि 15 लाख लोगों की आबादी वाले एकातेरिनबर्ग ही नहीं बल्कि अन्य मेजबान शहरों में भी सुरक्षा के इसी तरह के कड़े इंतजाम किए गए हैं। एक अन्य शहर के निवासी और कड़े सुरक्षा घेरे में रह रहे एवेजिनी चेर्नोव ने कहा कि यह सबकुछ लोगों या प्रशंसकों के लिए नहीं हो रहा है। यह तो अधिकारियों के काम हैं जिन्हें सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी पूरी करनी है।
उन्होंने बताया कि वे स्टेडियम के निकट एक दुकान चलाते हैं लेकिन यहां सुरक्षा घेरे और अवरोधक लगाए जाने से उनकी कमाई आधी रह गई है। इसके अलावा चेलियाबिन्सक स्थित स्थानीय हवाई अड्डे से भी विश्व कप के दौरान स्थानीय लोगों का विदेश जाना करीब 4 दिनों के लिए बाधित हो सकता है। (वार्ता)