पेरिस। 1998 के बाद दूसरी बार फीफा विश्व चैंपियन बनने वाली फ्रांस टीम की चर्चा दुनिया में जितनी ज्यादा हो रही है, उसी के साथ उसके 19 बरस के सितारे किलियन एम्बाप्पे भी सुर्खियों में बने हुए हैं। इस विश्व कप के 'एमर्जिंग प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' का अवॉर्ड पाने वाले एम्बाप्पे ने फीफा विश्व कप से हुई साढ़े 3 करोड़ 49 रुपए की पूरी कमाई चैरिटी संस्था को देने का फैसला लिया है।
फ्रांस के स्ट्राइकर किलियन एम्बाप्पे ने रविवार को फाइनल मुकाबले में क्रोएशिया के खिलाफ 65वें मिनट पर गोल दागकर अपनी टीम को 4-1 से निर्णायक बढ़त दिला थी। इस विश्व कप में यह उनका चौथा गोल था और विश्व कप के फाइनल में वे ब्राजील के महान खिलाड़ी पेले (17 साल में गोल) के बाद फाइनल में गोल करने वाले वे दुनिया के दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी बन गए।
19 साल के किलियन एम्बाप्पे की इस नायाब कामयाबी पर पेले ने ट्वीट करके उन्हें बधाई दी थी। एम्बाप्पे ने बहुत गरीबी देखी है और इसी साल उन्होंने 10वीं कक्षा की परीक्षा भी पास की है। गरीबी को दर्द को सहते हुए जवान हो रहे एम्बाप्पे ने फैसला किया कि उन्होंने विश्व कप फुटबॉल में जितनी भी कमाई की है, वे उसे प्रीमियर्स डी कोर्डी चैरिटी संस्था को दे देंगे, जो बीमार और दिव्यांग बच्चों के लिए काम कर रही है।
एम्बाप्पे पिछले साल जून में ही चैरिटी संस्था प्रीमियर्स डी कोर्डी से जुड़े थे और उसकी गतिविधियों से काफी प्रभावित हुए थे। यही कारण है कि उन्होंने विश्व कप में जीती 3 करोड़ 49 रुपए की पूरी कमाई संस्था को देने का फैसला किया है।
फ्रांस के स्टार खिलाड़ी एम्बाप्पे को रूस में आयोजित हुए 2018 के विश्व कप में 15 लाख 49 हजार रुपए प्रति मैच फीस के मिले। उन्होंने कुल 7 मैच खेले जिससे यह रकम 1 करोड़ 8 लाख हुई। विश्व विजेता बनने पर एम्बाप्पे को बोनस के रूप में 3 करोड़ 49 लाख रुपए मिले। चूंकि खुद एम्बाप्पे ने गरीबी को करीब से देखा है और इस विश्व कप के बाद दुनिया के तमाम नामी क्लबों की निगाहें उन पर टिकी हुई हैं, लिहाजा वे चाहते हैं कि भविष्य में वे जितनी भी कमाई करेंगे, उसमें से कुछ हिस्सा चैरिटी के लिए देंगे।