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फीफा वर्ल्ड कप 2018 : क्या मैसी अर्जेंटीना को विश्व विजेता बना पाएंगे?

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, रविवार, 10 जून 2018 (19:29 IST)
पुणे से स्पोर्ट्स एक्सपर्ट अभिजीत देशमुख
 
जब मई 2017 में जॉर्ज संपोली ने कोच की भूमिका संभाली, तब अर्जेंटीना 2018 के विश्व कप क्वालीफाई करने के लिए संघर्ष कर रहा था। एक ऐसा फुटबॉल जुनूनी देश जो लगातार तीन बार अंतिम मुकाबले में हार गया था। जी हां, 2014 फीफा विश्व कप, 2015 कोपा अमेरिका और 2016 कोपा अमेरिका सेंटेनियोरियो में अर्जेंटीना को केवल रजत पदक ही हासिल हुआ। इसी के चलते विश्व के लोकप्रिय खिलाडी लिओनेल मेस्सी ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास ले लिया था लेकिन कुछ महीनों के बाद उन्होंने वापसी की।
 
 
कोच संपोली के हिस्से में केवल परेशानियां थी और लगभग सवा चार करोड़ अर्जेंटीना लोगों की उम्मीदें। बतौर कोच संपोली अपने पहले ही गेम में अर्जेंटीना ने कट्टर प्रतिद्वंद्वी ब्राजील को 1-0 से हरा दिया। इसके बाद अर्जेंटीना का मनोबल बढ़ा और विश्व कप के बाकी मुकाबलों में कभी हार को नहीं देखा। 
 
अपने आखरी मुकाबले में इक्वाडोर को हराकर अर्जेंटीना वर्ल्ड कप क्वालीफाई करने में कामियाब रही। अर्जेंटीना के ग्रुप में आइसलैंड, क्रोएशिया, नाइजीरिया जैसे देश है जो किसी भी दिन अपने प्रतिद्वंदी को हराने का दम रखते हैं। क्रोएशिया प्रतिभाशाली टीम है और आइसलैंड फुटबॉल में उभरता हुआ देश है। अर्जेंटीना 2016 के यूरो सबको आश्चर्य करके वे क्वार्टर फाइनल तक पहुंचा था। अफ़्रीकी देश नाइजीरिया भी बड़ी टीमों को आश्चर्यचकित कर सकती है।
 
कोच संपोली ने इस वर्ल्ड कप को ध्यान में रखकर एक अनुभवी टीम को चुना है। अर्जेंटीना कागजों पर एक महान टीम दिख रही है लेकिन युवा चेहरे गायब दिख रहे हैं। अर्जेंटीना के जेवियर मस्सेकारेनॉ के पास काफी अनुभव है लेकिन 34 वर्षीय इस खिलाड़ी को पूरे 90 मिनट खेल पाना मुश्किल लग रहा है। 
 
25 वर्षीय स्ट्राइकर मौरो ईकार्डी को टीम में न लेना भी आश्चर्य की बात है क्योंकि मैनचेस्टर सिटी के स्ट्राइकर सर्जिओ एग्वेरो की फिटनेस शिखर पर नहीं है और महत्वपूर्ण मैचों में हिगुएन की गोल स्कोरिंग क्षमता पर सवाल उठाया जाता है। 
 
इंटर मिलान के स्ट्राइकर ईकार्डी के लिए ये सीजन शानदार रहा है उन्होंने इटली के उच्चतम लीग में 29 गोल किए थे। इस लिए एक बार फिर अर्जेंटीना मेस्सी के जादूइ खेल पर निर्भर होंगी और उन्हें विश्व कप ट्रॉफी उठाने का श्याद ये आखिरी मौका हो सकता है। 
 
मैसी को स्पेन के खिलाफ मैत्रीपूर्ण मैच के लिए विश्राम दिया गया था, और अर्जेंटीना यह मुकाबला 6-1 से हार गया था। यह दर्शाता है कि मैसी अर्जेंटीना का दिल और दिमाग दोनों है। अनुभवी गोलकीपर सर्जिओ रोमियो की चोट भी चौका देनेवाली रही, इसका मतलब डिफेंडर्स  मार्कस रोजो-टॉगलिएफिसो -ओटामेंडी पर अतिरिक्त भार। निश्चित रूप से अर्जेंटीना अपने समूह के शीर्ष पर पसंदीदा है, लेकिन क्रोएशिया, आइसलैंड और नाइजीरिया की युवा टीमों के खिलाफ अर्जेंटीना का 'स्पीड' निर्णायक कारक होगा।
 
तीन चीजें अर्जेंटीना को विश्व विजेता बना सकती है 1- मैसी 2-मैसी 3- मैसी। अगर अर्जेंटीना को विश्व कप जीतना है तो मैसी को मैराडोना का 1986 विश्व कप का जादुई करिश्मा दोहराना होगा। अर्जेंटीना को निश्चित रूप से क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने के लिए क्षमता मिली लेकिन अगर वे यूरोप के शक्तिशाली जर्मनी, स्पेन या फ्रांस से भिड़त होती है तो यह कांटो भरा रास्ता हो सकता है।
 
मैसी अपना चौथा विश्व कप खेल रहे है और शायद उनके हिसाब से यह आखरी प्रयास हो सकता है। यह कहना शायद उचित ना हो लेकिन विश्व के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी अपने छठे वर्ल्ड कप में विजेता बने थे।
 
23 सदस्य अर्जेंटीना की टीम इस प्रकार है
 
गोलकीपर : विली कैबेलरो (चेल्सी), नहुएल गुज़मान (यूएएनएल), फ्रैंको अरमानी (रिवर प्लेट)
डिफेंडर : क्रिस्टियन अनसाल्डी (टोरिनो), फेडेरिको फाजिओ(एएस रोमा), गेब्रियल मेर्काडो (सेविला), निकोलस ओटामेन्दी (मैनचेस्टर सिटी), मार्कोस रोजो (मैनचेस्टर यूनाइटेड), निकोलस टैग्लियाफिसो (अयाक्स)
मिडफील्डर : जेवियर मास्चरानो (है बेई चीन फॉर्च्यून),लुकास बिग्लिया (एसी मिलान), एंजेल डि मारिया (पेरिस सेंट-जर्मन), एवर बनेगा (सेविला), एडुआर्डो साल्वियो (बेनफीका), मार्कोस अकुना(स्पोर्टिंग सीपी), मैक्सिमिलियनो मेंज़ा ( इंडिपेंडेंट), मैनुअल लैंजिनी (वेस्ट हैम यूनाइटेड), क्रिस्टियन पावन (बोका जूनियर), जियोवानी लो सेल्सो (पेरिस सेंट-जर्मैन)
फॉरवर्ड्स : लियोनेल मैसी(कप्तान, बार्सिलोना), गोंज़ालो हिगुआइन (जुवेंटस), सर्जीओ एगुएरो (मैनचेस्टर सिटी), पाउलो डायाबाला (जुवेंटस)
कोच : जॉर्ज संपोली

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