सारांस्क। विश्व रैंकिंग में 61वें नंबर की टीम जापान ने एशियाई झंडा बुलंद रखते हुए 16वीं रैंकिंग के और स्टार खिलाड़ियों से सुसज्जित कोलंबिया को मंगलवार को मोरडोविया एरेना में ग्रुप एच में 2-1 से हराकर तहलका मचा दिया और पहली बार फीफा विश्व कप फुटबॉल टूर्नामेंट में किसी दक्षिण अमेरिकी टीम पर जीत दर्ज करने का इतिहास रच दिया।
जापान इस तरह पहली एशियाई टीम बन गई है जिसने किसी दक्षिण अमेरिकी टीम को हराया है। जापान ने इसके साथ ही कोलंबिया से 2014 विश्व कप में ग्रुप चरण में 1-4 से मिली हार का बदला भी चुका लिया।
वर्ष 2014 के 'गोल्डन बूट' विजेता जेम्स रोड्रिग्ज और शीर्ष स्कोरर राडामेल फाल्काओ जैसे खिलाड़ियों से सुसज्जित कोलंबियाई टीम को इस हार से गहरा झटका लगा।
जापानी टीम ने इस जीत के बाद पूरे स्टेडियम का चक्कर लगाकर दर्शकों का धन्यवाद किया। कोलंबिया तीसरे मिनट में अपने एक खिलाड़ी को बाहर भेजे जाने के बाद से शेष समय में 10 खिलाड़ियों के साथ खेली जिसका परिणाम उसे हार के रूप में भुगतना पड़ा।
कोलंबिया के मिडफील्डर कार्लोस सांचेज को तीसरे मिनट में जानबूझकर हैंडबॉल करने के कारण रेड कार्ड दिखाया गया और उन्हें मैदान से बाहर भेज दिया गया। यह विश्व कप इतिहास का दूसरा सबसे तेज रेड कार्ड था। जापान को इस पर पेनल्टी मिली। शिंजी कगावा ने पेनल्टी पर गोल करने में कोई गलती नहीं की और जापान को एक गोल से आगे कर दिया।
कोलंबिया ने 39वें मिनट में बराबरी हासिल की। जुआन क्विंटेरो ने नीची फ्री किक से कोलंबिया को बराबरी दिलाई। दूसरे हाफ में जापान ने कोलंबिया पर बराबर दबाव बनाये रखा। कोलंबियाई टीम दूसरे हाफ में थकी नजर आई, जिसका फायदा उठाते हुए युया ओसाका ने 73वें मिनट में शानदार हैडर लगाकर जापान के लिए मैच विजयी गोल दाग दिया।
कोलंबिया ने वर्ष 2014 के गोल्डन बूट विजेता जेम्स रोड्रिग्ज को 59 वें मिनट में क्विंटेरो की जगह मैदान में उतारा लेकिन यह मिडफील्डर भी कोलंबिया की किस्मत नहीं बदल सका।
ब्राजील विश्व कप में कोलंबियाई टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थी जो उसका विश्वकप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था लेकिन यहां उसकी निराशाजनक शुरुआत हुई। ग्रुप एच की दो अन्य टीमें पोलैंड और सेनेगल हैं। जापान की इस जीत से अगले चरण में जाने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।