'' उजड़ गए हैं घरौंदे सिर्फ खंडहर बाकी है
जिंदगी के मयखाने में अब तन्हाई ही साकी है
मौत तो बहुत पहले आ चुकी थी अरमानों को
गमों का कफ़न ओढ़ना अभी बाकी है ''
लियोनेल मैसी की झील-सी गहरी आंखों में बेहद उदासी का आलम है। क्या दुनिया के इस सबसे बहुचर्चित खिलाड़ी का फीफा विश्व कप का आखिरी सफर पूरे फुटबॉल करियर का सबसे दु:खांत साबित होगा? अर्जेंटीना का ये सुपर स्टार विश्व कप की शुरुआत से पहले बड़ा 'नायक' था, लेकिन आइसलैंड के खिलाफ पेनल्टी चूकने से 'खलनायक' बन गया।
गुरुवार रात क्रोएशिया जैसी टीम के हाथों 3-0 की शर्मनाक पराजय अर्जेन्टीना के नाकआउट में पहुंचने के दरवाजे तो बंद नहीं किए, अलबत्ता 26 जून को नाइजीरिया पर जीत ही उसे आगे ले जा सकती है। यदि मैच ड्रॉ भी रहता है तो भी इस ग्रुप से क्रोएशिया के साथ नाइजीरिया नाकआउट में पहुंचेगा।
क्रोएशिया के खिलाफ हॉफ टाइम में ड्रेसिंग रूम से वापस मैदान पर आते वक्त मैसी की आंखों में थकान थी और तभी लग गया था कि अर्जेंटीना का ये करिश्माई स्ट्राइकर अपनी बाजी हार गया है। 2 मैचों के प्रदर्शन के बाद साफ जाहिर है कि मैसी का जादू रूस के मैदानों पर नहीं चला।
यह भ्रम भी टूट गया कि वे अकेले के दम पर टीम को मैच विजेता नहीं बना सकते। जो काम इस वक्त पुर्तगाल की टीम के लिए किस्टियानो रोनाल्डो कर रहे हैं, उसकी तुलना में मैसी तो उनके आसपास भी नहीं ठहरते! मैसी के 14 साल के अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल करियर में पहली बार लगा कि उनके पास जो जादुई प्रदर्शन करने का माद्दा था, वह बहुत पीछे छूट गया है।
30 साल के मैसी के लिए यह आखिरी विश्व कप है। क्रोएशिया के खिलाफ 3-0 की अप्रत्याशित हार के अगले दिन अर्जेन्टीना आंसुओं के साथ मातम मना रहा है। 26 जून को मैसी के पास अपने देश को एक बार फिर से मुस्कुराते और जश्न मनाते हुए देखने का मौका है, जब वे नाइजीरिया के खिलाफ चमत्कारिक प्रदर्शन कर दें।
लियोनेल मैसी की पर्सनल लाइफ
लियोनेल मैसी की पर्सनल लाइफ दूसरे फुटबॉलरों की तरह लग्जरियस है। आलीशान बंगला, महंगी कारें और लग्जरी होटल के वे मालिक हैं। मैसी के पास कुल 596 करोड़ रुपए की निजी संपत्ति है। उनकी नेटवर्थ 2,275 करोड़ रुपए है। बार्सिलोना के साथ मैसी ने 4 साल का करार 5,300 करोड़ का किया है और यह दुनिया का अब तक का सबसे महंगा करार है।
* बचपन की दोस्त के साथ रचाई शादी : मैसी ने अपनी बचपन की दोस्त एंटोलीना रोकुजो के साथ शादी की है लेकिन उनकी कहानी भी क्रिस्टियानो रोनाल्डो से जुदा नहीं हैं। शादी के पहले ही वे 2 बच्चों के पिता बन गए थे जबकि शादी के बाद एंटोलीना ने एक और बच्चे को जन्म दिया।
* 14 कारों का काफिला : मैसी के पास दुनिया की सबसे महंगी कारों का काफिला है। उनके पास कुल 14 कारें हैं जिनकी कीमत 53 करोड़ रुपए है। वैसे इतनी सारी कारों के बावजूद उनकी पहली पसंद मेमेराटी ग्रेनटूरिज्मो कार है जिसकी कीमत 2 करोड़ रुपए है।
* बार्सिलोना में 71 करोड़ रुपए का आलीशान बंगला : बार्सिलोना के गावा में मैसी का आलीशान घर है, जिसकी कीमत 71 करोड़ रुपए है। 10 हजार वर्गफीट में बना उनका फुटबॉल की शक्ल का घर हर आने-जाने वाले को आकर्षित करता है। बंगले में फुटबॉल मैदान के अलावा स्वीमिंग पूल भी हैं। मैसी को शोर पसंद नहीं है और उन्होंने अपने पड़ोसी का घर सिर्फ इसलिए खरीद लिया था, क्योंकि वहां शोर बहुत हुआ करता था।
* 268 करोड़ रुपए का 4 सितारा होटल : लियोनेल मैसी का दिमाग भी किसी बिजनैसमैन से कम नहीं है। वे 4 सितारा होटल एमआईएम के मालिक भी हैं। बार्सिलोना के बीच टाउन में स्थित इस होटल को मैसी ने 268 करोड़ रुपए में खरीदा है। ये होटल कितना महंगा है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि यहां पर 1 रात रुकने का किराया 20 हजार डॉलर है यानी भारतीय रुपए में यह करीब 13 लाख 57 हजार 500 रुपए बैठता है।
दुनिया के सबसे महंगे फुटबॉलर लियोनेल मैसी की निजी जिंदगी
* फैक्टरी मजदूर थे पिता : लियोनेल मैसी ने 24 जून 1987 को दुनिया में अपनी आंखें खोली। पिता जॉर्ज मैसी रोसिरियो अर्जेंटीना में फैक्टरी मजदूर थे। फुटबॉल की पहली ट्रेनिंग उन्हें अपने पिता से मिली। 5 साल की उम्र में ही उन्होंने रोसिरियो के स्थानीय क्लब ग्रैंडोली से खेलना शुरू किया।
4 साल की कड़ी मेहनत के बाद जब मैसी 9 साल के हुए, तब उनके खेल का जादू सिर चढ़कर बोलने लगा था। यदि एक बार उनके पास गेंद आ जाती तो 15 मिनट तक उसे कोई छीन नहीं सकता था। इतनी छोटी उम्र में उनके पैरों की चपलता को देखकर कोच भी दंग रह जाया करते थे।
* 3 सालों तक हार्मोन्स के इंजेक्शन का दर्द सहा : 11 साल की उम्र के आते-आते उनका शारीरिक विकास रुक सा गया था। डॉक्टरों ने बताया कि उनमें ग्रोथ हार्मोन्स की कमी है। इसका उपचार भी जल्दी नहीं होता। पिता मजदूर थे और उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वे मैसी के महंगे इलाज का खर्च उठा सकें। फिर भी जैसे-तैसे उन्होंने 3 सालों तक इलाज करवाया। मैसी ने 3 वर्षों तक अपनी जांघों में हार्मोन्स के इंजेक्शन का दर्द सहा।
* बार्सिलोना ने उठाया खर्च : मैसी के पिता को उनके एक दोस्त ने बताया कि बार्सिलोना क्लब युवा फुटबॉलरों के इलाज का खर्च भी देता है। फिर क्या था। वे 4 भाई-बहनों में तीसरे नंबर के लियोनेल के उपचार की खातिर पूरे परिवार को अर्जेंटीना छोड़कर स्पेन लेकर आ गए।
बार्सिलोना ने लियोनेल मैसी की प्रतिभा को देखा और उनके इलाज का पूरा खर्च उठाया। बार्सिलोना का ये कर्ज लियोनेल मैसी पर चढ़ गया और फिर उन्होंने तय किया कि वे स्पेन में रहकर ही अपना फुटबॉल करियर बनाएंगे।
* पहले ही मैच में रेड कार्ड : लियोनेल मैसी ने 2005 में 18 वर्ष की उम्र में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला, जो बुरी तरह फ्लॉप रहा। मात्र 47 सेकंड में ही उन्हें रफ खेलने पर रेड कार्ड की सजा मिली।
* स्पेन का ऑफर ठुकराया : 2004 में लियोनेल को 17 वर्ष की उम्र में स्पेन की तरफ से खेलने का ऑफर दिया गया, लेकिन मैसी के इसे ठुकरा दिया। उन्हें अपनी प्रतिभा पर यकीन था कि एक न एक दिन वे अपने देश अर्जेंटीना से जरूर खेलेंगे। असल में मैसी को स्पेन और अर्जेंटीना दोनों देशों की नागरिकता मिली हुई है।
* बार्सिलोना क्लब के चीफ भी मैसी के मुरीद : दुनिया के नामी क्लब बार्सिलोना के चीफ चार्ल्स मैसी का खेल देखकर इतने मुरीद हो गए कि जब उन्हें आसपास कोई कागज नहीं मिला तो उन्होंने पेपर नेपकिन पर ही मैसी को अनुबंधित कर लिया।
* रोनाल्डो की जर्सी नं. 10 मिली : ब्राजील को 2002 में विश्व कप चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले रोनाल्डो की 2008 में बार्सिलोना क्लब से विदाई हो गई। इसके बाद 10 नंबर की जर्सी पहनने का हक बार्सिलोना ने लियोनेल मैसी को दिया।
* सचिन की तर्ज पर आसमान को देखते हैं : लियोनेल मैसी अकसर गोल दागने के बाद अपने दोनों हाथ आसमान में उठा देते हैं, ठीक उसी तरह जैसे सचिन शतक लगाने के बाद आसमान की तरफ देखने लगते हैं। असल में लियोनेल को अपनी दादी से बहुत प्यार था लेकिन जब वे 10 साल के थे, तब उनकी दादी नहीं रहीं। मैसी तो लगता है कि आसमान से दादी उनका मैच देख रही होंगी, इसीलिए वे उनका शुक्रिया अदा करते हैं।
* बाथरूम का शीशा तोड़कर मैदान पर पहुंचे : लियोनेल मैसी के बारे में एक वाकया बहुत मशहूर हुआ था। जब वे बाथरूम में बंद हो गए थे और शीशा तोड़कर किसी तरह बाहर निकले। हुआ ये था कि एक मैच में मैसी की टीम हॉफ टाइम तक 0-1 से पीछे थी। मैसी बाथरूम गए लेकिन वह लॉक हो गया। मैसी ने किसी तरह बाथरूम का शीशा तोड़ा और वे मैदान पर पहुंचे। इसके बाद उन्होंने 3 गोल दागे और टीम 3-1 से मैच जीतने में सफल रही।