दोहा:अपना दूसरा और आखिरी विश्व कप फाइनल खेलने जा रहे लियोनेल मेस्सी पर पूरे देश की उम्मीदों का दारोमदार होगा । आठ साल पहले वह खिताबी मुकाबले में चूक गए थे लेकिन उन जख्मों को अब दोबारा हरा नहीं होने देना चाहेंगे।
अर्जेंटीना ने तीन दशक से अधिक समय से विश्व कप नहीं जीता है। मेस्सी का सपना लुसैल स्टेडियम पर रविवार को होने वाले फाइनल में फ्रांस को हराकर खिताब जीतने का है क्योंकि अपने सुनहरे कैरियर में इसके अलावा वह सब कुछ जीत चुके हैं।
इसके साथ ही वह इस दौर के महानतम खिलाड़ियों के मुकाबले में क्रिस्टियानो रोनाल्डो को मीलों पीछे छोड़ देंगे जो अभी तक विश्व कप नहीं जीत सके हैं। 37 वर्ष के रोनाल्डो की पुर्तगाल टीम क्वार्टर फाइनल से बाहर हो गई और विश्व कप जीतने का उनका सपना अधूरा ही रह गया।
हालांकि बड़ा सवाल यह है कि क्या फाइनल के मैच में मैदान पर उतरेंगे भी या नहीं। यह बात इस कारण सामने आ रही है कि खिताबी मैच से पहले उनके चोटिल होने की खबरें सामने आ रही है।दरअसल सेमीफाइऩल मैच में वह अपने जांघो की मांसपेशियों में खिचाव महसूस कर रहे थे। यही कारण रहा कि वह गुरुवार के अभ्यास सत्र में शामिल नहीं हुए।
अर्जेंटीना के कोच लियोनेल स्कालोनी ने कहा , जब भी हम उसे खेलते देखते हैं तो वह हमें खास महसूस कराता है।उन्होंने कहा , उसमें कुछ तो है कि लोग उसे पसंद करते हैं। सिर्फ अर्जेंटीना में ही नहीं , हर जगह। हम खुशकिस्मत हैं कि वह हमारी टीम में है।
अर्जेंटीना के लिये डिएगो माराडोना के बाद मेस्सी का ही नंबर आता है लेकिन विश्व कप जीतने पर वह माराडोना के समकक्ष हो जायेंगे। माराडोना ने 1986 में मैक्सिको में टीम को खिताब दिलाया था।मेस्सी को पता है कि उनके पास यह आखिरी मौका है और वह कोई कोर कसर बाकी नहीं रखना चाहते। इस विश्व कप में वह फ्रांस के काइलियान एमबाप्पे के बराबर पांच गोल कर चुके हैं।इसके साथ ही कई गोलों में सूत्रधार की भूमिका भी निभाई।