Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Flashback 2020 : तमिलनाडु में रजनीकांत की सियासी पार्टी की संभावनाएं हुईं समाप्‍त, 2 विनाशक तूफानों का गवाह बना साल

हमें फॉलो करें Flashback 2020 : तमिलनाडु में रजनीकांत की सियासी पार्टी की संभावनाएं हुईं समाप्‍त, 2 विनाशक तूफानों का गवाह बना साल
, शनिवार, 2 जनवरी 2021 (14:42 IST)
चेन्नई। तमिल फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत के अंतत: राजनीति में पदार्पण नहीं करने के फैसले से तमिलनाडु  में आगामी विधानसभा चुनाव में नए राजनीतिक समीकरणों की संभावनाएं भी समाप्त हो गईं। अब 70 वर्षीय रजनीकांत के अन्नाद्रुक या द्रमुक का समर्थन करने की उम्मीद है तथा राजनीतिक परिदृश्य भी पहले के समान ही बना रहने की संभावना है। साल 2020 कई स्मृतियों के साथ राज्य के इतिहास में दर्ज हो गया है।

बीते वर्ष राज्य में एक के बाद एक आए 2 चक्रवातों ने बहुत तबाही मचाई। वहीं यहां कोरोनावायरस महामारी का असर तो भुलाया नहीं जा सकता। प्रवासी कामगारों की पैदल ही अपने गंतव्यों को जाने की तस्वीरें तमिलनाडु की स्मृति में सदा के लिए कैद होकर रह गईं।

यहां पर कोरोनावायरस के कारण शुक्रवार तक कुल 12,135 लोगों की मौत हो गई। इस महामारी ने लोगों से उनके प्रिय गायक एसपी बालसुब्रमण्यम को भी छीन लिया। उनके अलावा राज्य के कृषि मंत्री आर. दोराईकन्नू, कांग्रेस के सांसद एस. वसंतकुमार और द्रमुक विधायक जे. अंबाझगन की भी कोरोनावायरस के कारण मौत हो गई।

दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर उत्तर चेन्नई में भी संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन हुए तथा आंदोलन पूरे तमिलनाडु में फैल गया। हालात संभलते इससे पहले ही महामारी ने दस्तक दे दी। अप्रैल से लेकर अगस्त तक तमिलनाडु में कई अन्य राज्यों की तुलना में कहीं अधिक कोविड-19 के मामले सामने आए।

जुलाई में यहां संक्रमण के 57 हजार से अधिक उपचाराधीन मामले थे जो साल के अंत तक घटकर दस हजार से भी कम रह गए। महामारी के दौरान तमिलनाडु में पुलिस की बर्बरता के कारण पिता-पुत्र की मौत के एक मामले ने भी तूल पकड़ा और यह मामला जांच के लिए सीबीआई के पास भेजा गया। चक्रवाती तूफान निवार और बुरेवी ने नवंबर तथा दिसंबर में राज्य में बहुत तबाही मचाई।

राजनीतिक क्षेत्र में, अन्नाद्रमुक ने राज्य पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में सफल होने वाले सरकारी स्कूलों के छात्रों के मेडिकल में प्रवेश के लिए 7.5 फीसदी कोटा निर्धारित कर दिया, दूसरी ओर करीब एक दशक से सत्ता से बाहर विपक्षी दल द्रमुक ने विभिन्न मुद्दों पर राज्य सरकार पर निशाना साधा। पार्टी ने सबसे पहले चुनाव अभियान आरंभ किया और ‘वी रिजेक्ट अन्नाद्रमुक’ जैसी पहलें कीं। पार्टी कार्यकर्ताओं तथा जनता से जुड़ने के लिए पार्टी ने कई डिजिटल कार्यक्रम आयोजित किए।

कमल हासन नीत मक्काल निधि मैय्यम तथा अन्नाद्रमुक ने भी दिसंबर में चुनाव अभियान शुरू कर दिए। वर्ष 2020 की शुरुआत से ही रजनीकांत अपनी कई टिप्पणियों के कारण चर्चा में रहे। चाहे वह ईवीआर पेरियार के बारे में कही गई उनकी बात हो, सीएए का समर्थन करना हो या फिर दिल्ली में हिंसा के कारण केंद्र पर निशाना साधना हो।

29 दिसंबर को राजनीति में नहीं आने की उनकी घोषणा के बाद ही कई समीकरणों की संभावनाओं और अटकलों पर विराम लग सका। हालांकि इससे पहले तीन दिसंबर को उन्होंने कहा था कि उनका राजनीति में आना अवश्यंभावी है। गौरतलब है कि इस वर्ष अप्रैल-मई में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती