भारत के जंगलों में शानदार हाथी की चिंघाड़, मोर का नाच, ऊंट की सैर, शेरों की दहाड़, लाखों पक्षियों की चहचहाहट सुनने और देखने को मिलेगी। भारत में जंगली जीवों की बहुत बड़ी संख्या है। यहां जंगली जीवों को देखने देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। भारत में 70 से अधिक राष्ट्रीय उद्यान और 500 से अधिक जंगली जीवों के अभयारण्य हैं इसके अतिरिक्त पक्षी अभयारण्य भी हैं। आओ इस बार जानते हैं मध्यप्रदेश के पन्ना नेशनल पार्क के बारे में संक्षिप्त जानकारी।
1. पन्ना भारत के 22वां टाइगर रिजर्व है यानी बाइसवां बाघ अभयारण्य है और मध्यप्रदेश का पांचवां।
2. पन्ना राष्ट्रीय उद्यान 1981 में बनाया गया था। इसे 1994 में भारत सरकार द्वारा एक परियोजना टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था।
3. बाघ संरक्षण के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व को 25 अगस्त 2011 को यूनेस्को की 'वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिजर्व' सूची में शामिल किया गया है। इस समय 129 देशों में 714 बायो स्फेयर रिजर्व हैं।
4. वर्तमान में पन्ना टाइगर रिजर्व 56 बाघों का घर है। पन्ना टाइगर रिजर्व में अनेक जंगली जानवर हैं। पन्ना नेशनल पार्क के मुख्य आकर्षण बाघ, चौसिंगा हिरण, चिंकारा, सांभर, जंगली बिल्ली, घड़ियाल, मगरमच्छ, नीलगाय आदि हैं। इस पार्क में पक्षियों की लगभग 200 से अधिक प्रजातियां है, जिनमें प्रवासी पक्षी भी सम्मिलित है, जो दूरदराज के इलाकों से यहां आते हैं। इसके अलावा पार्क में अजगर व सांप की भी कई प्रजातियां निवास करती हैं।
5. इस उद्यान का क्षेत्रफल 542.67 वर्ग किलोमीटर है। यह जंगल विंध्यन रेंज में स्थित है और यह राज्य के उत्तर में पन्ना और छतरपुर जिलों में फैला हुआ है। राष्ट्रीय उद्यान में 1975 में बनाए गए पूर्व गंगऊ वन्यजीव अभयारण्य के क्षेत्र शामिल हैं। इस अभयारण्य में वर्तमान उत्तर और दक्षिण के क्षेत्रीय वन शामिल हैं।
6. पन्ना जिले में ही हीरे की सबसे बड़ी खदा है। यहां खदान के अलावा भी कई क्षेत्रों से आए दिन लाखों रुपये की हीरे मिलने की खबर आती रहती है।
7. पन्ना में नाइट सफारी का भी आनंद लिया जा सकता है। इसके लिए यहां पर पहले से ऑनलाइन बुकिंग कराना होती है।
8. पार्क से होकर गुजरने वाली नदी जंगल की सुंदरता बढ़ाती है। यहां नाव में बैठकर जंगली जीवों को करीब से देखने का आनंद ही कुछ होता है। पार्क के मुख्य आकर्षणों में एक आकर्षण खूबसूरत पांडव झरना है, जोकि झील में गिरता है। कहा जाता है कि पांडवों ने अपने वनवास के दौरान यहां विश्राम किया था। इसके अलावा अन्य आकर्षणों में एक राजगढ़ पैलेस है, जो कि कला व शिल्प का अद्भुत नमूना है।
9. पन्ना नेशनल पार्क में ट्री हाउसेस व टूरिस्ट लॉज ठहरने के लिए बेहतर स्थान है परंतु अधिकांश पर्यटक मंडला में विश्राम करते हैं। आप चाहें तो खजुराहो में विश्राम कर दिन भर पन्ना नेशनल पार्क की सैर कर शाम को पुन: खजुराहो लौट सकते हैं। खजुराहो से भोपाल, दिल्ली, मुंबई और वाराणसी आदि की फ्लाइट उपलब्ध हैं। पन्ना से सतना 90 किमी की दूरी पर स्थित है जो सेंट्रल और वेस्टर्न रेलवे से जुड़ा है।