'साइंस' जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक 2019 और 2020 के बीच ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग से उठने वाला धुआं एक बड़े ज्वालामुखी विस्फोट के बराबर था। धुआं समताप मंडल तक जा पहुंचा।
साल 2020 में ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग ने रिकॉर्ड स्तर पर धुआं वातावरण में छोड़ा। ताजा शोध के मुताबिक यह मध्यम ज्वालामुखी विस्फोट के बराबर है। शोध के सह-लेखक और इसराइल स्थित वाइजमान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के प्रोफेसर इलान कोरेन के मुताबिक इस तरह का महत्वपूर्ण प्रभाव देखना बहुत बड़ा आश्चर्य था।
समताप मंडल जिसे स्ट्रैटोस्फियर भी कहा जाता है। पृथ्वी के वायुमंडल की परतों में से एक है, जो क्षोभमंडल और मध्यमंडल के बीच स्थित है। इस धुएं की तुलना 1991 में फिलीपींस में पिनातुबो ज्वालामुखी के विस्फोट से उठने वाले धुएं से की जा सकती है, जो 20वीं सदी का दूसरा सबसे बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट था।
कोरेन बताते हैं कि धुएं के पर्यावरणीय प्रभाव को समझना जरूरी है, क्योंकि इसकी जो मात्रा है, वह कुछ दिनों या हफ्तों के लिए वायुमंडल के निचले हिस्से में रहेगी। लेकिन एक बार जब यह स्ट्रैटोस्फियर में पहुंच जाता है तो यह महीनों से सालों के बीच रहता है। शोधकर्ताओं ने पाया किया कि धुएं का बहाव ऑस्ट्रेलिया से पूर्व की ओर रहा और दोबारा 2 सप्ताह बाद फिर से पश्चिम की ओर लौट आया।
कोरेन कहते हैं कि मैंने कभी भी इतनी मजबूत घटना को इतनी तेजी से होते नहीं देखा। शोधकर्ता जनवरी से जुलाई 2020 के बीच उपग्रह की निगरानी से 6 महीने तक स्ट्रैटोस्फियर में धुएं को देख पाए। कोरेन कहते हैं कि लेकिन सबसे अधिक संभावना है कि आज भी समताप मंडल में धुएं का निशान होना।
इससे पहले के एक शोध में कहा गया था कि 2019-20 की आग के कारण करीब 3 अरब जानवर या तो मारे गए या फिर विस्थापित हो गए। ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी इस आग को आधुनिक इतिहास की सबसे खराब आपदाओं में से एक कहा गया। शोध में शामिल ऑस्ट्रेलिया के कई विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों का कहना था कि आग के कारण 14.4 करोड़ स्तनधारी, 2.46 अरब सरीसृप, 18 करोड़ पक्षी और 5.1 करोड़ मेंढक प्रभावित हुए।