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गणपति आला रे : गणेश उत्सव कब है, जानिए कोरोना काल में कैसे मनाएं गणपति उत्सव

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भाद्रपद माह की कृष्‍ण पक्ष की अष्टमी को कृष्‍ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया और इसके बाद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से गणेश उत्सव का प्रारंभ हो जाएगा।
 
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 10 सितंबर 2021 शुक्रवार से 10 दिवसीय गणेश उत्सव शुरू हो रहा है। घर-घर मिट्टी के गणेश की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी और 19 सितंबर 2021 रविवार को अनंत चतुर्दशी के दिन प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा। हालांकि महाराष्ट्र में तीसरे तीन ही प्रतिमा का विसर्जन हो जाता है।
 
1. संभावित कोविड-19 की ‘तीसरी लहर’ को देखते हुए इस बार भी गणेश उत्सव पर बनने वाले पांडल और झांकी की रोनक फिकी ही रहेगी।
 
2. महाराष्ट्र सरकार ने तो विशाल सार्वजनिक समारोहों और भगवान गणेश की विशाल मूर्तियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
 
3. सार्वजनिक स्थलों पर मूर्तियों की ऊंचाई 4 फीट और घरेलू पूजा के लिए 2 फीट तक सीमित कर दी है। इसके अलाला भी कई तरह के नियमों का पालन करना होगा।
 
4. इस बार गणेश उत्सव आप सादगी पूर्ण तरीके से भी मनाएं क्योंकि तीसरी लहर के संबंध में कहा जा रहा है कि इसका असर बच्चों पर ज्यादा होगा। ऐसे में आप अपने बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखें। 
 
5. गणेशजी की प्रतिमा का विसर्जन अपने घर में ही करें या पास के किसी कुंड या तालाब में जाने से पूर्व बच्चों को साथ न ले जाएं और डबल मास्क लगाकर रखें।
 
6. मिट्टी के ही गणेशजी खरीदकर लाएं ताकी उनका आसानी से विसर्जन हो सके। सावर्जनिक स्थानों या पांडालों में बच्चों को न ही ले जाएं तो बेहतर होगा।

7. मध्यप्रदेश सरकार ने भी गणेश उत्सव के सार्वजनिक पंडाल लगाने की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया है। सरकार ने धार्मिक स्थानों पर 5 से अधिक लोगों के जमा होने पर पाबंदी भी लगाई है और इसके अलावा भी कई अन्य प्रतिबंध लगाए हैं।
 
8. मूर्तियों के लिए बड़े पंडाल लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सार्वजनिक तौर पर मूर्तियों के विसर्जन की अनुमति भी इस साल नहीं दी जाएगी। केवल एक या दो व्यक्तियों को ही मूर्तियों को विसर्जन हेतु जाने की अनुमति दी जा सकती है।

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