- अथर्व पंवार
हम सभी यह जानते हैं कि पेड़ पौधों में प्राण होते हैं। पर तकनीकों के सकारात्मक उपयोग से आज हम इतने आगे बढ़ गए हैं कि हम उनका संगीत भी सुन सकते हैं। उनकी भावना के आधार पर वह संगीत बनाते हैं। विज्ञान के कारण हमने सूर्य, बृहस्पति और पृथ्वी जैसे ब्रह्माण्ड के तत्वों की ध्वनियां तो सुनी है पर यह अविष्कार ऐसा है कि हम अपने आसपास के अलग-अलग पौधों से उनकी लौकिक ध्वनि (COSMIC SOUND ) सुन सकते हैं।
यह कारनामा किया है JOE PATITUCCI ने, वे एक कलाकार है जो प्रकृति की दुनिया और मानवीय दुनिया के बीच श्वास,संगीत और तकनीक के माध्यम से सम्बन्ध बनाने का कार्य कर रहे हैं। उनकी DATA GARDEN नाम से एक कंपनी भी है। वह एक ऐसी तकनीक पर कार्य कर रहे हैं जिससे भविष्य में रूचि, इच्छा, कार्य और भावना के अनुसार हम संगीत सुन सकेंगे। उनका नवीनतम प्रोडक्ट PLANTWAVE है। यह यन्त्र पौधों का रियल टाइम डेटा मधुर संगीत के माध्यम से संगीत में अनुवाद करता है। यह पौधों के BIORHYTHM ( किसी जीव की कार्य करने की वृत्ति और गतिविधि का दैनिक चक्र ) को संगीत में बदलता है।
कैसे कार्य करता है PLANTWAVE
इस यन्त्र के दो सेंसर वह पौधे की पत्तियों में लगा देते हैं। यन्त्र पानी की गति और धूप के अनुरूप पौधे के बदलावों को डिटेक्ट करता है जिसे वह तरंगों में परिवर्तित कर देता है। जब पौधा पानी से तृप्त होता है तो PITCH अलग रहती है और जब उसमें पानी की कमी रहती है तो दूसरे स्वर बजते हैं। मृत पौधे से कोई भी ध्वनि नहीं निकलती है। जो ( JOE ) के अनुसार हर पौधे और हर पत्ती से अलग संगीत निकलता है। इन तरंगों को वह अलग-अलग PITCH में परिवर्तित करता है और उन वाद्ययंत्रों के माध्यम से बजता है जो उन्होंने डिजाइन किए हैं।
क्या है Joe का उद्देश्य
पिछले एक दशक से वह इस कार्य में लगे हुए थे। उनका मूल उद्देश्य इस तकनीक के माध्यम से मानव को प्रकृति से जोड़ना है। उन्होंने अमेरिका के फिलडेल्फिआ कला संग्रहालय से अपना तकनीकी सफर शुरू किया। उनका मानना है कि जहां आज मानव स्मार्टफोन और तकनीकों से घिरा हुआ है और एक गैजेट फ्रेंडली वातावरण में रहना पसंद करता है , वहां यह यन्त्र मानव और प्रकृति के बीच एक पूल का कार्य करेगा। इसके माध्यम से प्रकृति को प्रोत्साहन देने की मुहीम भी चलेगी।
वे इस डिवाइस के माध्यम से जब भी ट्रैकिंग के लिए जाते हैं तो प्रकृति की हरियाली का संगीत सुनते हैं। अभी यह गैजेट भले ही बाजार में कम उपलब्ध है, पर इसे एक बेहतरीन मानवीय खोज मानना चाहिए। यह पर्यावरण के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण कारक बनेगा।