दुनिया में सभी को समानता का अधिकार मिले, इस दुनिया में जो भी हो सभी समान रूप से जीने का अधिकार रखते हैैं। इसलिए हर साल 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। इस देश में मानव अधिकार के लिए सबसे पहले महात्मा फुले ने आवाज उठाई थी। इनके बाद आधुनिक भारत और 20वीं सदी के नायक डॉ बाबा साहेब ने मानवों को उनके सामान्य अधिकार दिलाने के लिए हर तरह से लड़ाई लड़ी। मानव अधिकार वह विश्व में रहने वाले हर मानव को कुछ विशेष अधिका प्राप्त हो, जो समूची दुनिया को एक सूत्र में बांधते हो, मानव अधिकार की रक्षा करते हो, स्वतंत्र रूप से जीवनयापन करने की छूट हो, किसी मनुष्य के साथ किसी किसी कीमत पर किसी तरह का भेदभाव नहीं हो यह मानव अधिकार है। आइए जानते हैं कैसे हुई इस दिवस को मनाने की शुरूआत और क्या है मानवाधिकार दिवस 2021 की थीम
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वर्ष 1950 में संयुक्त राष्ट्र ने विश्व मानवाधिकार दिवस मनाना तय किया। भारत में 28 सितंबर 1993 से भारत में मानवाधिकार कानून अमल में लाया। और 12 अक्टूबर 1993 राष्ट्रीय मानव आयोग का गठन भी किया गया। लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर 1948 को घोषणा पत्र को मान्यता दिए जाने पर 10 दिसंबर का दिन मानवाधिकार दिवस के रूप में निश्चित किया गया। इस दुनिया में सभी लोग अधिकारों के मामले में बराबर है। देश के लोगों के बीच नस्ल, रंग, लिंग, भाषा, धर्म या अन्य विचार, धर्म, संपत्ति, राजनीतिक आदि बातों के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। इसलिए मानवाधिकार का निर्माण किया गया है।
भारत में आज भी कई लोगों को मानव अधिकार के बारे में जानकारी ही नहीं है। पिछड़े गांवों में मानवाधिकार का हनन होना आम बात है। शहरों में जिन्हें जानकारी है वे लोग गलत फायदा भी उठा लेते हैं। इस दिवस को मनाने का यही उद्देश्य है सभी को समानता का अधिकार मिले।
मानव अधिकार दिवस ( Human Rights Day ) 2021 थीम
हर साल संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक थीम तय की जाती है। परिस्थिति, दशा को ध्यान में रखते हुए थीम तय की जाती है। इस साल मानवाधिकार दिवस 2021 की थीम है "असमानताओं को कम करना, मानवाधिकारों को आगे बढ़ाना।"