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world soil day : विश्व मिट्टी दिवस 5 दिसंबर को क्‍यों मनाया जाता है? इतिहास और मिट्टी का महत्व

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हमें फॉलो करें विश्व मिट्टी दिवस क्यों मनाया जाता है
, शनिवार, 4 दिसंबर 2021 (11:34 IST)
हर साल 5 दिसंबर को विश्व मिट्टी दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है लोगों के मिट्टी के महत्व के बारे में जागरूक करना। क्योंकि बदलते वक्त और कमाई बढ़ाने के लिए मिट्टी में लगातार कीटनाशक रासायनिक खाद का उपयोग किया जा रहा है। जिससे मिट्टी की उर्वरक शक्ति कम हो रही है और जैविक गुण खत्म हो रहे हैं। साथ ही मिट्टी की उपजाऊ क्षमता भी कम होने लगी है। इसलिए मिट्टी की महत्‍व को समझना जरूरी है। लोगों तक अधिक से अधिक मिट्टी के बारे में सही जानकारी पहुंचे। इसलिए इस दिवस का विशेष महत्व है। पहली बार विश्व मिट्टी दिवस 5 दिसंबर 2014 को मनाया गया था।

विश्व मिट्टी दिवस 2021 की थीम

हर साल विश्व मिट्टी दिवस की एक टीम तैयार की जाती है ताकि अधिक से अधिक जागरूकता फैला सकें। 5 दिसंबर को मना रहे विश्व मिट्टी दिवस की थीम 2021 की है मृदा लवलीकरण को रोकें, मृदा उत्पादकता को बढ़ावा दें ('Halt soil sanitation,boost soil productivity)।  

5 दिसंबर को ही मिट्टी दिवस मनाने का इतिहास

विश्व मिट्टी दिवस 5 दिसंबर को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 5 दिसंबर को थाईलैंड के राजा एच.एम भूमिबोल अदुल्‍यादेजका जन्मदिन हुआ था। वे इस पहल के मुख्य समर्थकों में एक थे।

संयुक्त राष्ट्र ने 5 दिसंबर की घोषणा की थी

20 दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें सत्र द्वारा विश्व मिट्टी दिवस को 5 दिसंबर को मनाने की घोषणा की थी। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ ने 2002 में ही हर साल विश्व मिट्टी दिवस मनाने की घोषणा की थी।

मिट्टी का महत्व 
 
- हमारे भोजन का 95 फीसदी हिस्सा मिट्टी से ही आता है।
- बता दें कि मिट्टी में रहने वाले जीव कार्बन को स्‍टोर करने में मदद करता है।
- मिट्टी में मौजूद सूक्ष्म जीव पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने में दिन-रात काम करते रहते हैं।
- जिस तरह से पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है उसका असर मानव जीवन पर सबसे अधिक पड़ रहा है। जी हां, असमय आ रही बाढ़ को रोका जा सकता है। लेकिन पेड़ों को काटकर मुसीबत लगातार बढ़ रही है। पेड़ों की जड़ें मिट्टी बांध कर रखती है। जिससे तेज बारिश आने पर मिट्टी को सोख लेती है।
 - जिस तरह से पेड़ों की संख्या कम हो रही है और आपदाएं बढ़ रही है ऐसे में मिट्टी एक दम पानी को नहीं सोख पाती है और पानी के बहाव में मिट्टी भी बह जाती है।

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