अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 11 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस बार संयोग से नवरात्रि और बालिका दिवस एक दिन है। हालांकि दोनों दिवस का उद्देश्य कहीं न कहीं मिलता-जुलता है। मान्यता है कि नवरात्रि में भूलकर भी कन्याओं का अपमान नहीं करना चाहिए। उन्हें अपशब्द, उन पर किसी तरह के अत्याचार नहीं करना चाहिए। वहीं अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्य है कि समाज में जागरूकता फैलाने, लड़कियों को वे सम्मान और अधिकार दिलाई जा सके जो लड़कों को दिए जाते हैं। आज के वक्त में लड़का और लड़की में भेदभाव मिटाने की जरूरत है। आइए जानते हैं नवरात्रि में कैसे इस दिन को खास बना सकते हैं -
- अगर अधिकार समान नहीं हो तो लड़कियों को उनके अधिकार के बारे में जरूर पता होना चाहिए। अधिकार के बारे में अधिक से अधिक जागरूक करें।
- दुनियाभर में आज भी लड़कियों का अनुपात लड़कों से कम है। समाज में इसके प्रति जागरूकता फैलाने की जरूरत है।
- लड़कियों की सुरक्षा की बात दुनियाभर में बड़े-बड़े मंच से की जाती है। लेकिन हिंसा और दुष्कर्म के प्रति लड़कियों को उनके अधिकार के बारे में बताएं। जहां लड़कों को सम्मान करना सिखाने की जरूरत है, नैतिकता का पाठ पढ़ाएं।
- देश और दुनिया की उन महिलाओं के बारे में लड़कियों को अधिक से अधिक बताएं जो मेहनत करके बड़े-बड़े मुकाम पर पहुंची हैं। जिससे लड़कियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।
- नवरात्रि में गरबा करने और देखने के लिए कई सारे लोग आते हैं ऐसे में उस दौरान 1 से आधे घंटे का प्रोग्राम आयोजित किया जा सकता हैं। उन्हें देश और दुनिया की बड़ी महिलाओं के बारे में बताए। अपने अधिकारों के बारे में बताए।
- आगे बढ़ने और अपने पैरों पर खड़े होने के लिए किस क्षेत्र में उन्हें आगे बढ़ना चाहिए। हर स्तर पर फिर चाहे वह गांव में रहकर काम करें। क्योंकि शहरों में कई तरह के काम उपलब्ध होते हैं और सुविधाएं भी। लेकिन अब जिस तरह से इंटरनेट का माध्यम बढ़ा है घर बैठकर बहुत सारी चीजें सीखी जा सकती है।
- किसी एक एक्टिविटी को लेकर साप्ताहिक या मासिक प्रोग्राम शुरू कर सकते हैं।