World Sparrow Day 2023: क्या है theme और कैसे गौरैया की संरक्षण करें
- ईशु शर्मा
अगर आपकी सुबह की शुरुआत गौरैया की चहचहाहट से हो तो पूरा दिन बहुत सुहावना लगता है पर आज के ज़माने में बड़े शहर में गौरैया का मिलना लगभग असंभव है और साथ ही गांव में भी इनकी प्रजाति धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है।
गौरैया हमारे पर्यावरण और हमारे जीवन के लिए बहुत ज़रूरी है, इसलिए इनकी रक्षा करना हमारा मानव अधिकार है। इसी महत्व को समझते हुए विश्व भर में हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है। आपको बता दें कि पहला विश्व गौरैया दिवस 2010 में मनाया गया था।
चलिए जानते हैं कि कैसे इस दिन की शुरुआत हुई और हमारे जीवन में गौरैया का क्या महत्व हैं....
क्या है विश्व गौरैया दिवस का इतिहास?
गौरैया दिवस की शुरुआत नेचर फॉरएवर सोसाइटी ऑफ इंडिया (Forever Society of India) और फ्रांस के ईको-एसवाईएस एक्शन (Ecco-SYS Action Foundation of France) के द्वारा की गई थी, जिसमें और भी कई संस्थाएं शामिल हुई। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों के बीच घरेलू गौरैया के प्रति जागरूकता बढ़ाना है, ताकि लोग इनके महत्व को जान पाएं और इनकी प्रजाति को विलुप्त होने से बचा सकें।
क्या हैं विश्व गौरैया दिवस 2023 की थीम?
विश्व गौरैया दिवस की थीम 'आई लव स्पैरो' (I Love Sparrow) निर्धारित की गई है और हर साल इसकी थीम चेंज नहीं की जाती है। विश्व गौरैया दिवस की थीम 2010 से निर्धारित है और इनकी थीम को कभी बदला नहीं गया है।
क्यों जरूरी है मनाना : कैसे करें गौरैया का संरक्षण?
1. गौरैया के लिए घर की छत, बाउंड्री या खुले आंगन में उनके लिए साफ पानी और दाने रखें। सिर्फ गर्मी नहीं बल्कि हर मौसम में आपको उनके लिए पानी और दाने की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।
2. अगर आपके घर में गौरैया घोसला बनाती हैं तो आपको उनके लिए घोसले की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।
3. अगर आपके घर के अंदर गौरैया आती है तो पंखा या कूलर बंद रखें।
4. नायलॉन (nylon) या चीनी मांझे का इस्तेमाल न करें, ताकि इससे गौरैया या अन्य पक्षियों को चोट न लगें।
5. ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाएं ताकि गौरैया और अन्य पक्षी सुरक्षित रहें और उनकी प्रजाति विलुप्त न हो।
6. कार्बन फूट्रिंट को कम करने की कोशिश करें, जिससे ग्लोबल वार्मिंग कम हो और गर्मी के कारण पक्षी ना मरें।