भारत में हर साल 10 नवंबर को परिवहन दिवस मनाया जाता है। परिवहन के साधनों में हो रहे सुधार से सड़क दुर्घटना में लोगों की जान बची है। इस दिन लोगों को मुख्य तौर पर यातायात नियमों और दुर्घटनाओं के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है। एक वक्त था जब परिवहन नहीं हुआ करते थे। लेकिन अब समय और परिस्थिति दोनों बदल गई है। 10 नवंबर को विज्ञान दिवस भी मनाया जाता है। ऐसे में परिवहन और विज्ञान का बहुत अच्छा कनेक्शन भी बैठता है। जब विज्ञान और परिवहन एक साथ चलेंगे तो प्रदूषण को भी कम करने में बहुत हद तक मदद मिलेगी। हालांकि अब इस क्षेत्र में सरकार द्वारा कदम उठाने शुरू कर दिए है। इलेक्ट्रिक वाहनों की पहल शुरू कर दी गई है, चार्जिंग वाहनों को महत्व दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 अगस्त को परिवहन में सुधार के लिए नई स्क्रैप पॉलिसी लॉन्च की। नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत 15 और 20 साल पुराने वाहनों को कबाड़ में डाला जाएगा व्यावसायिक वाहन के लिए 15 साल और निजी गाड़ी के लिए 20 साल का समय तय किया गया है। इसके बाद वाहनों को फिटनेस सेंटर ले जाना होगा। ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर का संचालन प्राइवेट कंपनियां करेंगी। मोदी सरकार ने बजट 2021-22 में स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति का ऐलान किया है। इस नीति में स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति के तहत व्यक्तिगत या निजी वाहनों का 20 वर्ष में और कमर्शियल गाड़ियों को 15 साल में फिटनेस टेस्टकराना होगा। गौरतलब है कि भारत में सड़क परिवहन सबसे प्रचलित साधन है। इसके बाद अन्य रेल परिवहन, वायु परिवहन और जल परिवहन।
देशभर में सड़क और परिवहन को विकसित करने में मंत्री नितिन गडकरी का विशेष योगदान रहा है। जिस तरह देश में सड़क परिवहन से आमजन की यात्रा के लिए सबसे प्रमुख है उसी प्रकार पहले के मुकाबले हर क्षेत्र तक सड़क पहुंच रही है। क्योंकि यह विकास का सबसे अहम मार्ग है। गांव से शहर तक पहुंचने की दूरी कम होती है।
वहीं इन दिनों देश में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर त्राहिमाम मचा हुआ है। जलवायु के बिगड़ते परिवर्तन को लेकर युवाओं में अधिक रोशन देखा जा रहा है। ठंड का मौसम आते ही देश की राजधानी दिल्ली की आबोहवा बदल जाती है। जिसका स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इसमें परिवर्तन को लेकर कई सारे पहल की गई। लेकिन एक भी सफल नहीं रही। इन दिनों स्मॉग और प्रदूषण के एक होने से यह लोगों के लिए घातक बीमारी साबित हो रही है। दिल्ली में स्मॉग को कम करने के लिए अब शहर भर में पानी का छिड़काव किया जा रहा है। स्वास्थ्य के प्रति अधिक सचेत लोग कोरोना के बाद से साइकिल का अधिक इस्तेमाल करने लगे हैं।