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हिंदू नववर्ष पर घर के सामने क्यों बांधी जाती है गुड़ी?

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WD Feature Desk

, शनिवार, 22 मार्च 2025 (16:05 IST)
Gudi Padwa 2025: चैत्र प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। इसी दिन से चैत्र माह की नवरात्रि भी प्रारंभ होती है। हिंदू नववर्ष को गुडी पड़वा भी कहते हैं। उदयातिथि के अनुसार चैत्र नवरात्रि प्रतिपदा 30 मार्च 2025 रविवार को रहेगी। गुड़ी पड़वा को नवसंवत्सर भी कहते हैं और दक्षिण भारत में उगादि एवं युगादि भी कहते हैं। हिंदू नववर्ष पर मराठी समाज के लोग अपने घर के आगे गुड़ी बांधते हैं जो कि ध्वज का प्रतीक होती है जबकि अन्य समाज के लोग भगवा ध्वज लहराते हैं।ALSO READ: चैत्र नवरात्रि 2025: नवरात्रि के पहले दिन भूलकर भी न करें ये 10 काम, बढ़ सकती हैं परेशानियां
 
मराठी समाज गुड़ी को बनाकर उसकी पूजा करके घर के द्वारा पर ऊंचे स्थान पर उसे स्थापित करते हैं। गुड़ी पड़वा दो शब्दों से मिलकर बना हैं। जिसमें गुड़ी का अर्थ होता हैं विजय पताका और पड़वा का मतलब होता है प्रतिपदा। कई लोगों की मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीराम ने बाली के अत्याचारी शासन से दक्षिण की प्रजा को मुक्ति दिलाई। बाली के त्रास से मुक्त हुई प्रजाने घर-घर में उत्सव मनाकर ध्वज (गुड़ी) फहराए। आज भी घर के आंगन में गुड़ी खड़ी करने की प्रथा महाराष्ट्र में प्रचलित है। इसीलिए इस दिन को गुड़ी पड़वा नाम दिया गया।
 
महाराष्ट्र में इस दिन पूरन पोली या मीठी रोटी बनाई जाती है। इसमें जो चीजें मिलाई जाती हैं, वे हैं-गुड़, नमक, नीम के फूल, इमली और कच्चा आम। गुड़ मिठास के लिए, नीम के फूल कड़वाहट मिटाने के लिए और इमली व आम जीवन के खट्टे-मीठे स्वाद चखने का प्रतीक होती है।

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