हरीश चौकसी
हिमाचल प्रदेश में मतदान के बाद गुजरात में राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है। 22 साल से गुजरात की सत्ता से बाहर कांग्रेस ने इस चुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। सोशल मीडिया पर सक्रियता से लेकर जातीय गणित साधने में लगी कांग्रेस जीत के लिए हर दांव अपना रही है।
कांग्रेस इस बार अपने ही एक पूर्व मुख्यमंत्री की नीति पर काम कर रही है। किसी समय कांग्रेस नेता माधवसिंह सोलंकी ने KHAM (क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी, मुस्लिम) थ्योरी पर काम करते हुए राज्य में 149 सीटें जीती थीं, जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इस कीर्तिमान को तो भाजपा के दिग्गज नेता नरेन्द्र मोदी भी नहीं तोड़ पाए।
अब कांग्रेस ने PODA (पाटीदार, ओबीसी, दलित, आदिवासी) नाम से एक नई थ्योरी पर काम करना शुरू किया है। दरअसल, इन वर्गों को साधकर कांग्रेस 'गांधीनगर' पहुंचना चाहती है। इसका कारण भी है, जो पटेल पिछले 22 सालों से भाजपा के साथ रहे, अब उनमें दरार पड़ गई है। पाटीदारों का एक धड़ा हार्दिक पटेल का समर्थन कर रहा है, जो कि कांग्रेस के साथ हैं। पार्टी इसी का फायदा उठाना चाहती है।
इस बार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी खुद को हिन्दू (सॉफ्ट हिन्दुत्व) दिखाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अब तक वे कई मंदिरों में जाकर माथा टेक चुके हैं। उनमें अक्षरधाम और अंबाजी मंदिर भी शामिल हैं। राहुल के इस नए रूप से भाजपा में भी बौखलाहट साफ दिखाई दे रही है।
भाजपा इसके उलट मुस्लिम समुदाय पर डोरे डाल रही है। बताया जाता है कि इसके लिए वह उत्तर प्रदेश और बिहार के मौलवियों की मदद ले रही है। यूं दोनों ही पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या 'पोडा' राहुल के लिए ब्रह्मास्त्र साबित हो पाएगा? हालांकि यह तो वक्त ही बताएगा कि भाजपा के 130 सीटों के दावे पर कांग्रेस का पोडा दांव कितना कारगर साबित होगा।