अहमदाबाद। पहले चरण की वोटिंग से पहले पाटीदार अनामत आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को बड़ा झटका लगा है। आंदोलन के सह-संयोजक और हार्दिक के करीबी दिनेश बंभानिया ने भी उनका साथ छोड़ दिया है।
हार्दिक के लिए यह बड़ा झटका इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि कांग्रेस से हुई डील में बंभानिया ही पाटीदार आंदोलन समिति की ओर से बातचीत कर रहे थे। बंभानिया ने कांग्रेस के घोषणा पत्र पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि आरक्षण पर कांग्रेस का रुख साफ नहीं है।
बंभानिया हार्दिक पटेल की कथित सीडी वाले मामले से भी नाराज हैं और उन्होंने इस मामले में हार्दिक पर सवाल उठाए थे। उल्लेखनीय है कि इससे पहले हार्दिक के तीन और सहयोगी केतन पटेल, अमरीश पटेल और श्वेता पटेल ने इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था।
हार्दिक के करीब सहयोगी तथा उनके साथ राजद्रोह के मामले में आरोपी बंभाणिया ने कहा कि वह पास से त्यागपत्र नहीं दे रहे और ना ही सत्तारूढ़ भाजपा में जाएंगे। पर यह साफ हो गया है कि कांग्रेस आरक्षण के मामले पर धोखा दे रही है। इसने पाटीदारों को आरक्षण देने की बात को विस्तार से घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया और अब इसके नेता और हार्दिक ने भी चुप्पी साध ली है। हार्दिक को चुनाव प्रचार नहीं करना चाहिए। पाटीदार समाज भी होशियार है और कांग्रेस के झांसे में नहीं आएगा।
हार्दिक की सोशल मीडिया में वायरल हुई सेक्स सीडी के बारे में दिनेश ने कहा कि एक या दो सीडी फर्जी हो सकती हैं पर सारी ऐसी नहीं हो सकती। हार्दिक इस मामले में अदालत या पुलिस के समक्ष मामला क्यों नहीं दर्ज करते। एक सामाजिक नेता का व्यभिचार में शामिल होना कही से ठीक नहीं है।
उन्होंने आरक्षण आंदोलन को चुनाव तक स्थगित रखने की भी मांग की। ज्ञातव्य है कि हार्दिक के कई करीबी सहयोगी पिछले कुछ समय में पास से नाता तोड़ चुके हैं। पर अंत तक उनके साथ रहे दिनेश ने साफ तौर पर कहा कि वह संगठन नहीं छोड़ रहे। पर हार्दिक के रवैये से खफा हैं।