गुजरात विधानसभा चुनाव में अब तक शांति से प्रचार कर रही कांग्रेस ने राज्य में अपनी चुनावी रणनीति से राजनीतिक विश्लेषकों को भी हैरान कर दिया है। धीरे-धीरे ही सही लेकिन कांग्रेस अब चुनावों में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा रही है। राहुल गांधी द्वारा मोदी के गढ़ में प्रचार के ऐलान ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नए जोश का संचार किया है। वहीं कांग्रेस दल में दिखाई दे रहा उत्साह बता रहा है कि उसने सफलतापूर्वक एक 'चक्रव्यूह' की रचना कर ली है। अब देखना दिलचस्प होगा कि टीम मोदी इसका किस तरह जवाब देगी?
गुजरात चुनावों की घोषणा के पहले ही भाजपा ने चुनावों में अपनी ताकत झोंक दी थी। भाजपा और आप लगातार कांग्रेस को झटके दे रहे थे। लेकिन कांग्रेसी खेमे की चुप्पी सभी को चौंका रही थी। कुछ लोगों का तो यह भी कहना था कि मुकाबला भाजपा और आप के बीच ही है। कांग्रेस दौड़ से पूरी तरह बाहर हो चुकी है।
यह वही कांग्रेस थी जिसने 2017 के चुनाव में हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकोर के सहारे भाजपा की नाक में दम कर दिया था। भले ही भाजपा सरकार बनाने में सफल रही लेकिन कांग्रेस के इन 3 दिग्गजों ने पीएम मोदी व गृहमंत्री अमित शाह की टीम को पसीने ला दिए थे।
इस बार चुनावों से पहले भाजपा ने हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर समेत कई दिग्गजों को चुनाव से पहले पार्टी में शामिल कर बड़ा झटका दिया। कांग्रेस द्वारा उम्मीदवारों की घोषणा से पहले भी 3 विधायक हाथ छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। बहरहाल, चारों तरफ निराशा के बादल दिखाई दे रहे थे।
ऐसे में अचानक इंद्रनील राजगुरु का आप से कांग्रेस में शामिल होना शांत पानी में कंकर फेंकने-सा मामला हो गया। सौराष्ट्र के इस दिग्गज नेता के आने से मानो कांग्रेस में नई जान आ गई। अब भाजपा के सामने कांग्रेस नई ऊर्जा से लबरेज नजर आ रही है।
कांग्रेस आलाकमान भी मानो ऐसे ही किसी पल का इंतजार कर रहा था। पार्टी ने भी अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव किया है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कई बड़े वादे कर अपने इरादे साफ कर दिए हैं। 'भारत जोड़ो यात्रा' में व्यस्त राहुल गांधी भले ही हिमाचल चुनाव में प्रचार के लिए नहीं गए लेकिन गुजरात आ रहे हैं। एक के बाद एक कांग्रेस कार्यकताओं के लिए आ रही सकारात्मक खबरों से अन्य सभी दल हैरान हैं।
अब भाजपा के सामने भी कांग्रेस मजबूती से खड़ी दिखाई दे रही है। कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल समेत 40 नेताओं को गुजरात के लिए स्टार प्रचारक बनाया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, सचिन पायलट जैसे दिग्गजों की स्टार प्रचारकों में मौजूदगी बता रही है कि कांग्रेस चुनाव को बिलकुल भी हल्के में नहीं ले रही है।
एक तरफ टिकट वितरण से नाराज भाजपा के विधायकों और पूर्व विधायकों ने चुनावी मैदान संभालने की तैयारी कर ली है तो दूसरी ओर कांग्रेस की चुनावी प्लानिंग ने चुनावी प्रबंधन में माहिर भाजपाई दिग्गजों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की अगुवाई में कई केंद्रीय मंत्रियों, कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और दिग्गज भाजपा नेताओं की फौज किस तरह कांग्रेस के चक्रव्यूह को भेदने में सफल होती है?
Edited by: Ravindra Gupta