नवसारी। गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए 1 और 5 दिसंबर को मतदान होने जा रहा है। सभी राजनीतिक दल राज्य में मतदाताओं को रिझाने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। इस बीच गुजरात के नवसारी जिले के गणदेवी तालुका के अंचेली और आसपास के 19 गांवों के लोगों ने चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है। गांव में जगह-जगह 'नो ट्रेन, नो वोट' के पोस्टर-बैनर लगे नजर आ रहे हैं। अंचेली गांव से महज 15 किमी दूर केशली गांव में देश की पहली बुलेट ट्रेन के लिए स्टेशन बनाया जा रहा है।
चुनाव का बहिष्कार क्यों किया जा रहा है?
दरअसल, कोरोना के दौरान लॉकडाउन लगने से पहले पश्चिम रेलवे ने अंचेली गांव स्टेशन पर करीब 16 ट्रेनों को स्टॉपेज दिया था। लेकिन लॉकडाउन हटने के बाद इस गांव में सिर्फ 11 ट्रेनें ही रूकती है। इससे अंचेली व आसपास के 19 गांवों के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जो लोग काम के लिए गांव से सूरत वापी और अन्य शहरों में जाते थे, वे रेल पास के लिए महीने में 400 रुपए खर्च करते थे, लेकिन अब निजी वाहन से यात्रा करने के लिए अधिक समय के साथ 3000 रुपए खर्च होते हैं। इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का निर्णय लिया है।
पिछले एक साल से इस समस्या को लेकर सांसद सीआर पाटिल, रेल मंत्री दर्शना जरदोस से बात करने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला। जिसके बाद ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
35000 मतदाताओं का चुनाव बहिष्कार
अंचेली गांव के हितेश नायक ने कहा कि अंचेली और आसपास के 19 गांवों में 35 हजार से ज्यादा मतदाता हैं, जो एक दिसंबर को होने वाले चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे और मतदान नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि हमने 'नो ट्रेन, नो वोट' के साथ गांव में सभी राजनीतिक दलों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
लोगों का कहना है कि किसी भी पार्टी के नेताओं को वोट मांगने के लिए गांव आने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रत्याशी जब गांव पहुंचे तो लोगों ने उन्हें घेर लिया। कई सवाल पूछे और हाथ जोड़कर उन्हें वापस भेज दिया।
बुलेट ट्रेन जरूरी या लोकल ट्रेन?
गांव की महिलाओं का कहना है कि अन्चेली समेत 19 गांवों के हजारों लोग रोजी-रोटी के लिए इस ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं। अब इस स्टेशन पर लोकल ट्रेन का स्टॉपेज नहीं मिलने पर अंचेली से महज 15 किलोमीटर दूर केशली गांव में 350 की रफ्तार से गुजरने वाली ट्रेन को स्टॉपेज दिया गया है, जहां यह तेज रफ्तार ट्रेन खड़ी होगी। क्या ये महंगी ट्रेन गरीबों के लिए संजीवनी बनेगी?
Reported by : Webdunia Gujarati
Edited by : Nrapendra Gupta