Guru purnima shubh muhurat: 13 जुलाई 2022 बुधवार के दिन यानी आज गुरु पूर्णिमा का व्रत रखने के साथ ही गुरु पूजन किया जाएगा। आज ही के दिन महाभारत के रचियता महर्षि वेद व्यासजी का जन्म हुआ था। आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन ही गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश भी दिया था। हिन्दू, जैन, बौद्ध और सिख चारों ही धर्मों के लोग इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं। आओ जानते हैं कि गुरु पूजन के सबसे अच्छे मुहूर्त क्या है।
ग्रहों के शुभ संयोग : इस बार गुरु पूर्णिमा पर गुरु, मंगल, बुध और शनि ग्रहों के शुभ संयोग रुचक, हंस, शश और भद्र योग बन रहा है। सूर्य बुध की युति से बुधादित्य योग, मंगल के मेष में रहने से रुचक योग, केंद्र में गुरु के मीन में रहने से हंस योग, शनि के मकर में रहने से शश योग, बुध के मिथुन में रहने से भद्र योग का निर्माण हो रहा है। आज ऐंन्द्र योग भी है।
त्रिग्रही योग : ज्योतिष के अनुसार उपरोक्त ग्रह स्थिति के कारण मिथुन, वृषभ और धनु राशि वाले जातकों का मंगल ही मंगल होगा। गुरु पूर्णिमा के दिन ही यानी 13 जुलाई को ही शुक्र का मिथुन राशि में सुबह 11:01 बजे गोचर होगा। यानी इसी दिन सूर्य, बुध और शुक्र ग्रह एक ही राशि में रहकर त्रिग्रही योग बनाएंगे।
पूर्णिमा तिथि : गुरु पूर्णिमा आज 13 जुलाई को सुबह करीब 4 बजे से शुरू होकर गुरुवार 14 जुलाई को रात 12 बजे 7 मिनट तक रहेगी।
शुभ मुहूर्त :
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:20 से 03:14 तक।
अमृत काल मुहूर्त : शाम 07:07 से 08:31 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:38 से 07:02 तक।
सायाह्न संध्या मुहूर्त : शाम 06:51 से 07:54 तक।
सबसे शुभ मुहूर्त :
1. प्रात: और शाम के मुहूर्त : प्रात: 6 बजे से 9 बजकर 11 मिनट तक और शाम 5 बजे से 6 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।
2. ऐंन्द्र योग : दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक इन्द्र योग रहेगा। इस योग में भी पूजन किया जा सकता है।
3. रवियोग: प्रात: 05:31 से दोपहर 02:21 तक रहेगा।