तीर्थ नगरी हरिद्वार में 2021 महाकुंभ की तैयारी जोरशोर से चल रही थी। उम्मीद की जा रही है कि महाकुंभ से पहले कोरोनावायरस (Coronavirus) वैक्सीन आ जाएगी, लेकिन वैक्सीन आने में देरी के चलते अब ये महाकुंभ मेला प्रतीकात्मक रूप से होगा।
साल 2021 के हरिद्वार महाकुंभ में विभिन्न 13 अखाड़ा के 26 संत भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए कुंभ का शाही स्नान करेंगे। परंपरा रही है कि कुंभ में विभिन्न अखाड़ों के साधु-संत, नागा संन्यासी, महामंडलेश्वर आचार्य, महामंडलेश्वर महंत, श्री महंत बड़ी पेशवाई शाही स्नान के लिए धूमधाम से बड़ी संख्या में जाते हैं।
लेकिन इस बार इस महाकुंभ पर कोरोना संकट मंडराया हुआ है, इसलिए आगामी वर्ष में होने वाले महाकुंभ में इस तरह के आयोजन नहीं होंगे। यह जानकारी अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री महंत हरि गिरि महाराज ने आज दी। उन्होंने कहा कि वे सरकार को लिखकर दे चुके हैं कि कोरोना का संकट सिर पर मंडराया हुआ है, खतरे को देखते हुए अब कुंभ मेला प्रतीकात्मक होगा।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री महंत हरि गिरि और राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने विभिन्न साधु-संतों, मेला प्रतिष्ठान के अधिकारियों, राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री और राजकीय प्रवक्ता मदन कौशिक के साथ जूना अखाड़े में एक बैठक की है।
बैठक के बाद महंत हरि गिरि ने कहा कि यदि हम जिंदा रहेंगे, तभी तो पेशवाई और अन्य परंपराएं कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट सबसे बड़ा संकट है। गिरि ने साधुओं से अपील की है कि वे ज्यादा संख्या में कुंभ में न आएं, ताकि कोरोना न फैले। उन्होंने कहा कि यदि ईश्वर की अनुकंपा हुई और फरवरी-मार्च तक कोरोना समाप्त हो जाता है, तो कुंभ मेले के आयोजन को हराभरा करने के विषय में सोचा जा सकता है।
इस बार कुंभ मेले में बैरागी कैंप, गौरीशंकर कैंपों में टेंट वगैरह भी नहीं लगाए जाएंगे। उनकी जगह कमरों में साधु-संतों के ठहरने की व्यवस्था की जाएगी। इसी संदर्भ में आज जूना अखाड़े में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक होगी।