उत्तररांचल प्रदेश में हरिद्वार नगरी को भगवान श्रीहरि (बद्रीनाथ) का द्वार माना जाता है, जो गंगा के तट पर स्थित है। इसे गंगा द्वार और पुराणों में इसे मायापुरी क्षेत्र कहा जाता है। यह भारतवर्ष के सात पवित्र स्थानों में से एक है। हरिद्वार में हर की पौड़ी को ब्रह्मकुंड कहा जाता है। इसी विश्वप्रसिद्ध घाट पर कुंभ का मेला लगता है। आओ जानते हैं हरिद्वार में स्थित भारत माता मंदिर के बारे में संक्षिप्त जानकारी।
1. हरिद्वार में भारत माता का एकमात्र मंदिर है जिसे देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं।
2. इस मंदिर की स्थापना स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि ने की थी।
3. 1983 में इस मंदिर का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने किया था।
4. इस मंदिर को मदर इंडिया टेम्पल के नाम से भी जाना जाता है।
4. यह मंदिर सप्त सरोवर क्षेत्र अर्थात सप्त ऋषि आश्रम के पास स्थित है।
5. भारत माता मंदिर 180 फीट ऊंचा और आठ मंजिला है।
6. इस मंदिर का प्रत्येक तल देवी-देवताओं की पौराणिक कथाओं को समर्पित है।
7. भारत माता मंदिर उन सभी देशभक्त स्वतंत्रता सेनानियों को भी समर्पित है, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता में योगदान दिया।
8. इस मंदिर की पहली मंजिल पर भारत माता की मूर्ति है। दूसरी पर शूर मंदिर है जो भारत के शूर वीरों को समर्पित है। तीसरी मंजिल पर मातृ मंदिर है जो स्त्री शक्ति को समर्पित है। चौथी मंजिल महान भारतीय संतों को समर्पित है। पांचवीं मंजिल भारत के विभिन्न धर्मों और भागों को समर्पित छठवीं एवं सातवीं मंजिल पर देवी शक्ति एवं भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों को समर्पित हैं। आठवीं मंजिल प्रकृति प्रेम और आध्यात्मिक व्यक्ति के लिए समर्पित है। यहां शिव का मंदिर भी है।
9. इस मंदिर से हिमालय, हरिद्वार और सप्त सरोवर की सुंदरता को देखा जा सकता है।