नासिक में गोदावरी नदी के तट पर, उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर, हरिद्वार और प्रयाग में गंगा नदी के तट पर कुंभ मेले का आयोजन होता है, क्योंकि इन चार जगहों पर ही अमृत की बूंदे गिरी थी। पूर्णकुंभ मेला का आयोजन 12 वर्षों पर होता है। महाकुंभ का आयोजन 144 वर्ष में एक बार होता है। 6 वर्षो के अंतर में अर्द्धकुंभ मेले का आयोजन होता है। हरिद्वार में पूर्णकुंभ का आयोजन 2021 में हो रहा है। मेष राशि में सूर्य तथा कुंभ राशि में बृहस्पति होने पर हरिद्वार में कुंभ का आयोजन किया जाता है।
कुंभ मेले में सामान्य स्नान और शाही स्नान की अलग अलग तिथियां होती हैं। पहले 14 जनवरी मकर संक्रांति का स्नान निकल गया। इसी तरह 11 फरवरी मौनी अमावस्या का और 16 फरवरी वसंत पंचमी का स्नान भी निकल गया। 27 फरवरी माघ पूर्णिमा पर सामान्य स्ना है। परंतु यहां जानिए 10 स्नान में से 4 शाही स्नान की तारीखें जिसमें संत लोग खासकर स्नान करते हैं।
कुंभ मेला में शाही स्नान:
1. पहला शाही स्नान - 11 मार्च महाशिवरात्रि के दिन
2. दूसरा शाही स्नान - 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या
3. तीसरा शाही स्नान - 14 अप्रैल
4. चौथा शाही स्नान - 27 अप्रैल चैत्र पूर्णिमा