साल 2021 किसी जिस तरह से गुजरा कोविड की चपेट में गुजरा है ऐसा मंजर कभी किसी को देखना नहीं पड़े। जी हां, 2021 में एक तरफ जहां कोविड का खौफ रहा वहीं दूसरी और कोविड के इलाज में दी गई दवाओं से ऐसी-ऐसी बीमारियां उभरी जिसका किसी ने अंदाजा नहीं लगाया। एक बार फिर से साल के अंत में कोरोना का साया लौट आया। वैक्सीनेशन के बाद तेजी से बढ़ रहे ओमिक्रोन लोगों को अपनी जद में ले रहा है। तो आइए जानते हैं 2021 में किन बीमारियों ने लोगों का जीना और मरना दोनों मुश्किल कर दिया।
- म्यूकर माइकोसिस - इस बीमारी को आम भाषा में फंगल संक्रमण कहा जाता है। साल 2021 में ब्लैक, व्हाइट और पीले फंगस ने लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित किया। यह बीमारी स्टेरॉयड की वजह से तेजी से फैली है। दरअसल, स्टेरॉयड का अधिक इस्तेमाल करने से इसके साइड इफेक्ट्स खतरनाक होते हैं। इसका सबसे अधिक असर शुगर मरीजों पर होता है। इसका उपयोग सिर्फ डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए।
- नेक्रोसिस - यह हड्डियों की बीमारी है। इसे पोस्ट कोविड बीमारी कहा गया था। स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल से हड्डियां गलने लगी। शरीर में रक्त की कमी के कारण हड्डी के ऊतकों की मृत्यु के रूप में भी जाना जाता है। हड्डी के छोटे-छोटे टुकड़े और हड्डी के अंतिम पतन का कारण। हालांकि शुरुआत में इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन हड्डियों में दर्द जरूर होता है।
- डेंगू - एक तरफ कोरोना से जंग जारी थी तो दूसरी और डेंगू का प्रकोप बढ़ गया। लक्षण बहुत कुछ अलग नहीं थे, लेकिन कोविड की ही तरह डेंगू भी लोगों की अपनी जद में ले रहा था। ऐसे वक्त में प्लेटलेट्स कम हो रहे थे लेकिन खतरा यह बन रहा था कि क्या कोविड से ठीक हुए मरीज अपना खून दे सकते हैं या नहीं। साथ ही और भी तमाम तरह की सावधानियां।
- मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम MIC - देखा जाए तो कोरोना का बच्चों पर बहुत अधिक असर नहीं रहा। लेकिन कोविड के हल्के लक्षण जरूर देखने को मिले। पोस्ट कोविड का असर बच्चों पर भी रहा। जिसमें से एक मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम रहा। जिसमें हृदय, फेफड़े, रक्त वाहिकाओं, गुर्दे, पाचन तंत्र, मस्तिष्क, त्वचा या आंखों में गंभीर सूजन पैदा कर सकता है। लक्षणों में बुखार, उल्टी, पेट में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते, तेजी से सांस लेना, लाल आंखें, होंठ और जीभ पर सूजन और सिरदर्द शामिल हैं।
- खून के थक्का जमना - कोविड के दौरान मरीजों को कई तकलीफों को सामना करना पड़ा लेकिन पोस्ट कोविड के बाद तकलीफ कम नहीं हुई। कोविड से ठीक होने के बाद मरीजों को हृदय संबंधी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। सीने में जकड़न, सांस लेने में परेशानी, दिल में सूजन, पंपिंग की क्षमता कम होना..जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा।